Monday 29 September 2014

//// ऑटोरिक्शा का व्यय रॉकेट से भी ज्यादा क्यों ? अब तो जवाब देना ही पड़ेगा !! ////

//// ऑटोरिक्शा का व्यय रॉकेट से भी ज्यादा क्यों ? अब तो जवाब देना ही पड़ेगा !! ////
अमेरिका के मेडिसिन स्क्वायर में अपने वालों के बीच बघारते हुए मोदी जी ने ये बोला कि - अहमदाबाद में ऑटोरिक्क्षा का किराया 10 रू / कि.मी. आता है और हमने मंगल गृह पर रॉकेट भेजा जिसका व्यय आया 7 रू / कि.मी. !!!! 
इस बेतुकी तुलना विषयक सर्वप्रथम तो मैं उलटी नहीं बल्कि सही दिशा में सोचते हुए मोदी जी से अब निम्नलिखित प्रश्न पूछता हूँ .....
>> क्या ये ऑटोरिक्शा अहमदाबाद में ही चलते हैं, भारत के अन्य शहरों में नहीं ??
>> अहमदाबाद में ये ऑटोरिक्क्षा का किराया इतना महंगा क्यूँ है ??
>> जब रॉकेट 7 रू / कि.मी. में चलता है तो ऑटोरिक्शा क्यूँ नहीं चल सकता ??
>> इसके लिए कौन जिम्मेदार है ??
>> और ये कौन कम करेगा ??
>> और ये कब कम होगा ?? होगा भी कि नहीं ??
>> कहीं इतने ज्यादा किराए के पीछे अम्बानी - कांग्रेस - भाजपा - रिलायंस की मिली भगत वाला लम्बे समय से चला आ रहा भ्रष्टाचार ही तो नहीं ??
>> कहीं पेट्रोलियम गैस आदि के विषयक रिलायंस के विरुद्ध केजरीवाल के आरोप सही तो नहीं ??
>> अमेरिका एवं अन्य देशों में ऑटोरिक्क्षा समकक्ष वाहन का किराया प्रति कि.मी. कितना रहता है ??
>> क्या ऑटोमोबाइल की तुलना ऑटोमोबाइल से करना, और पेट्रोल डीजल की कीमत की तुलना अलग अलग देशों में करना, ज्यादा तर्कसंगत होगा कि ऑटोरिक्शा की तुलना रॉकेट से ??
>> क्या मोदी जी की तुलना केजरीवाल से करना ठीक होगा ????
प्रश्नों के बाद मेरी छोटी सी प्रतिक्रिया .....
साथ ही मैं ये भी चाहूँगा की मनमोहनसिंघ की प्रशंसा होनी चाहिए कि कम से कम उन्होंने ISRO को भ्रष्टाचार से मुक्त रखा !!!!
आज यह भी तय हो गया कि हमारे देश के वैज्ञानिक और सामान्य संभ्रांत जन ईंमानदार हैं - नेताओं जैसे भ्रष्ट नहीं - और ये आमजन भारतियों की ईमानदारी ही इस देश के उज्जवल भविष्य का कारण बनेगी - 3D 4S 5M और नेताओं की फेंकम फांकी नहीं !!!!
लेकिन याद रखें कि भ्रष्टाचार मुक्त कार्य करने की मोदी जी की परीक्षा होना अभी बाकी है - अभी ये देखना तो बचा है कि मोदी जी द्वारा बड़े बड़े शुरू किये जाने वाले प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार होता है या नहीं और पारदर्शिता अपनाई जाती है या नहीं - बुलेट ट्रेन की क्या लागत आती है और क्या बताई जाती है और क्या किराया वसूला जाता है - बड़े बड़े ठेके किनको और किन किन की सिस्टर कंसर्न्स को मिलते हैं - इत्यादि ????
और तब तक मैं यही कहूँगा - शाबाश ISRO - धन्यवाद मनमोहनसिंघ जी - और लगे रहो क्रांतिकारी केजरीवाल जी , हम तुम्हारे साथ हैं !!!!

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