Wednesday 3 September 2014

वो 782 नाम - बदनाम - काले नाम !!!! क्या हुआ ????

वो 782 नाम - बदनाम - काले नाम !!!! क्या हुआ ????
सन 2011 में भारत सरकार को स्विस बैंक के 782 कालाधन खाताधारकों के नाम प्राप्त हो गए थे !!
देश में सभी दूर से नाम सार्वजनिक करने के लिए और कालाधन वापस लाने और ठोस कार्यवाही करने की जोरदार मांग उठी थी !!
परन्तु तदोपरांत 15 दिसंबर 2011 को UPA सरकार ने नाम बताने से इंकार ही कर दिया था !!!!
उसके बाद आडवाणी जी ने संसद में खड़े होकर, और मोदी, जेटली, सुषमा स्वराज, वरुण गांधी, सुब्रमणियम स्वामी, शाहनवाज़ हुसैन, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमन आदि अनेक नेताओं ने UPA सरकार की कड़े से कड़े शब्दों में उचित निंदा की थी - सराहनीय रूप से खूब बुरा भला कहा था - एवं जोर शोर से सभी खाताधारकों के नाम बताने की मांग की थी .... तथा पूरे देश ने विपक्ष के इस विरोध को उचित और ज़रूरी निरूपित किया था !!!!
पर अब जब कि वे सभी भाजपाई महानुभाव थोक में खुद पूर्ण सत्ता में हैं तब क्यूँ नहीं 782 नाम अभी तक बताये गए ????
अतः मैं सार्वजनिक रूप से मांग करता हूँ कि मोदी सरकार बताये -
अभी तक स्विस बैंक के कालाधन खाताधारकों के 782 नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किये ?
क्या कोई वैधानिक या अन्य जायज़ अड़चन थी / है ? यदि हाँ तो क्या ?
यदि नहीं तो फिर ये नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किये जाने चाहिए ? या किये जाएंगे ?
अगर हाँ तो कब तक ?
और अगर नहीं तो क्या नैतिकता के नाते इस्तीफ़ा नहीं दिया जाना चाहिए - या कोई खेद प्रकटीकरण - या कम से कम मात्र स्पष्टीकरण ?
या फिर मौन ही रहेंगे ? उन्ही मौनमोहन जी की तरह जिन्हे आपने बुरा भला कहने का महान कार्य किया था ??
और अंतिम प्रश्न कि जब तक सरकार 782 नाम सार्वजनिक नहीं करती तब तक क्या पूरे मंत्रीमंडल का वेतन नहीं रोका जाना चाहिए ????
और अंतिम निवेदन - बस ये मत कह देना कि ऐसी कोई चिट्ठी थी ही नहीं या वो नाम लिखी चिट्ठी मिल ही नहीं रही है !!!!

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