Thursday 11 February 2016

// और इसलिए आज कहना ही पड़ेगा कि ये सरकार निकम्मी है ....//


देश की राजधानी दिल्ली में जेएनयू के कुछ छात्रों द्वारा अफज़ल गुरु की फांसी की बरसी के मौके पर भारत विरोधी और यहाँ तक कि पाकिस्तान के समर्थन में घोर आपत्तिजनक नारे लगाए गए ....

और ये सब कैद भी हुआ कैमरों में - और इस पूरे प्रदर्शन के वीडियो भी धड़ल्ले से चले सभी चैनलों पर .... और हद तो तब हो गई जब इस पूरे प्रकरण में टीवी चैनलों पर बहस भी हुई - और कई छात्रों ने भी इन बहसों में भाग लिया - और अपनी हरकतों का बचाव करने का प्रयास किया - और खूब खरी खोटी सुनी - और अपनी पूरी बात बोलने से वंचित भी रहे ....

और भाजपाई प्रवक्ता देशभक्ति से ओतप्रोत हो देशहित में कई सौ डायलॉग मार गए .... और कई टीवी एंकर तो बस पूछो मत - उचक-उचक चिल्ला चिल्ला गला फाड़ गए - ये प्रदर्शित करने के लिए कि वो एक जिम्मेदार नागरिक भी हैं और देशविरोधी कोई गतिविधि बर्दाश्त ही नहीं कर सकते (भ्रष्टाचार को छोड़कर) .... 

पर हुआ क्या ?? अब तक एक गिरफ्तारी नहीं ?? क्यों ?? .... क्या हमारी केंद्र सरकार निकम्मी नहीं निकली ?? .... क्या ये प्रश्न खड़ा नहीं होता कि जो सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की बात करती रही वो अपनी देश की राजधानी में कुछ नापाक छात्रों का मुंह भी ना बंद कर सकी ?? .... क्या सरकार को शर्म नहीं आती ??

और क्या मोडिया जो उन नापाक छात्रों को उचित फटकार लगा गया - क्या सरकार से यह पूछने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाया कि दिल्ली पुलिस क्या कर रही थी ?? सरकार दिल्ली में क्या कर रही थी ?? और सरकार जम्मू कश्मीर में क्या कर रही थी ?? .... क्या इन प्रश्नों को भी उचक-उचक नहीं पूछना बनता था ?? ....

क्या पूछना नहीं बनता था कि कुछ दिन पहले ही छात्रों द्वारा जब प्रधानमंत्री मोदी को गालियां दी गई थीं तो उन्हें इसी दिल्ली पुलिस ने क्यों बर्बरता पूर्वक मारा था - और यदि तब मारा था तो अब क्यों नहीं ??

क्या मोडिया के दिव्यांग इस पर बहस नहीं करेंगे कि पाकिस्तान में जब एक विराट कोहली के फैन को भारत का झंडा फहराने का दोषी मानते हुए १० वर्ष की कैद की सजा सुना दी - तो क्या अपने देश के स्वाभिमान की रक्षा करने में कौन श्रेष्ठ रहा - भारत या पाकिस्तान ??  

मुझे लगता है कि इस सरकार को यकीनन शर्म नहीं आती क्योंकि इस सरकार की रीढ़ की हड्डी ही नहीं है - इसलिए ना तो ये सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सकी - ना जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी झंडो के लहराने को या पाकिस्तानी समर्थन में नारे लगाने को ही रोक सकी ..... रोकती भी कैसे ?? वहां राजनितिक स्वार्थ के रहते भाजपा को पीडीपी के साथ सरकार बना सत्ता सुख जो प्राप्त करना था ....

इसलिए मुझे लगता है कि ना तो ये सरकार देशहित में कुछ कर पा रही है - ना समाजहित में .. और ना ही सही तरह से राजनीति ही कर पा रही है - या शासन ही चला पा रही है .... और इसलिए आज कहना ही पड़ेगा कि ये सरकार निकम्मी है ....

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