जेएनयू कैंपस और प्रेस क्लब में लगे देश विरोधी नारों के विरुद्ध आज अभी भाजपा - आरएसएस के द्वारा दिल्ली में राजघाट से एक "देश बचाओ मार्च" निकाला जा रहा है .....
मेरी प्रतिक्रिया ....
समस्त मार्च के भागीदारों के साथ सहानुभूति रखते हुए कहना चाहूँगा कि ये सरकार निकम्मी है - ये कुछ नहीं कर सकी है - ९ जनवरी से आज तक केवल एक कन्हैया की तमाम विवादों से भरी और उलझी अनुचित गिरफ्तारी के अलावा ये सरकार कुछ भी उचित नहीं कर सकी - और अब तक जो कुछ भी किया वो केवल दयनीय और शर्मसार करने वाला .... यानि केवल 'गुड़गोबर' ....
इसलिए मैं भाजपा - आरएसएस के इस मार्च के अघोषित उद्देश्य का समर्थन करते हुए कहना चाहूँगा कि मोदी जी जागो - ये "देश बचाओ मार्च" आपके लिए "शर्म बचाओ मार्च" जैसा है ....
और भक्तो से कहना चाहूंगा कि सो जाओ - ये मुद्दा इतना थोथा नहीं कि तुम्हारे लायक हो .. अपितु ये गहन राष्ट्रवाद का मुद्दा है जो तुम्हारे बस का नहीं ....
पर यदि तुम सब मिल कर जोर लगा कर इस सरकार से जेएनयू कैंपस और प्रेस क्लब में लगे देश विरोधी नारे लगाने वालो को पकड़वा सजा दिलवाने पर मजबूर कर सको तो पहली बार मैं आप सभी भक्तो की जयजयकार करूंगा और आपको शाब्बाशी और आशीर्वाद भी दूंगा .... अन्यथा आप फुर्सत पाकर अगले मार्च के लिए एक बिल्कुल नए से नारे जैसे वाक्य पर विचार करेंगे तो शायद बेहतर होगा ....
" देश विरोधियों की मम्मी है - ये सरकार निकम्मी है " ....
और एक मंत्र जैसे वाक्य का जाप भी करेंगे तो बेहतर होगा ....
"मोदी - भाजपा अब सत्तापक्ष, विपक्ष में नहीं .... इसलिए हम इनकी बकवास के पक्ष में नहीं " ....
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