Friday 19 February 2016

// कन्हैया को झटका ?? .... क्या बेशर्मी की भी कोई सीमा तय होगी ?? ....//


'जेएनयू' प्रकरण - मामला कन्हैया की गिरफ्तारी का - आरोप देशद्रोह का ....

और आज पटियाला हाउस कोर्ट में निर्मित घटिया स्थितियों के कारण अभूतपूर्व स्थितियों के मद्देनज़र कन्हैया की बेल अपील सीधे सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई थी जो आज निर्णीत होनी थी .... और आज सुबह जिरह शुरू हुई और और सभी आम देशभक्तों की निगाह तथा उच्चकोटि के संघप्रमाणित टुच्चे देशभक्तों की टिकटिकी निर्णय पर लगी थी ....

और खबर आई कि - उच्चतम न्यायालय ने बेल याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है - और दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि आप असाधारण स्थितियों के रहते हुए निचली अदालत के बजाय उच्च न्यायालय में जाएं ....

और बिंदाज़ खुश मोडिया ने ब्रेकिंग न्यूज़ में 'बार्किंग' शुरू कर दी - "कन्हैया को SC से झटका" ....

और मुझे लगा कि वाकई इतना सब कुछ दयनीय निंदनीय सोचनीय और शौचनीय होने के बावजूद भी किसी भी मोटी चमड़ी बेशर्म को तनिक भी झटका महसूस नहीं हुआ ....

जबकि समस्त "मोडिया" को झटका तो तगड़ा है - और वो इसलिए कि - सर्वोच्च न्यायालय ने केवल तकनीकी कारणों से सुनवाई से इंकार किया - और सीधे उच्च न्यायालय में जाने की स्वतंत्रता प्रदान करी .. सर्वोच्च न्यायालय ने ये माना कि सुरक्षा में चूक हुई और कन्हैया और उनके वकीलों को सुरक्षा प्रदान करवाने का आश्वासन दिया - और माना कि पटियाल हाउस कोर्ट में गड़बड़ी हुई - और दिल्ली पुलिस को भी सुरक्षा देने में असफल माना - और यह भी साफ़ किया कि कन्हैया को बेल दिए जाने या ना दिए जाने के बारे में अभी वो कुछ भी निर्णय नहीं दे रहा है .... और अभी कन्हैया की अर्जी लंबित ही रहेगी .... आदि इत्यादि ....

यानि स्पष्ट है कि सर्वोच्च न्यायलय ने इस देश की कानून व्यवस्था और मोदी सरकार को लताड़ा है - जिसे समझदार मान सकते हैं कि - 'झटका' दिया है .... 

इसलिए आज तो मोदी सरकार से प्रश्न करूंगा -  क्या बेशर्मी की भी कोई सीमा तय होगी ??
कहीं ऐसा तो नहीं कि "सबका साथ - सबका "विकास" के बजाय सबका "विनाश" करके दम लोगे ??
क्योंकि सुना था - "विनाशकाले विपरीत बुद्धि" !! .... 

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