वैसे तो हम हमेशा ही देखते आए हैं कि टुच्चे नामी गरामी अपराधियों की तस्वीरें टुच्चे नामी गरामी नेताओं के साथ सार्वजनिक होती रही हैं - और ये पुरानी तस्वीरें मौके की नज़ाकत अनुसार ही विरोधियों द्वारा सामने लायी जाती हैं .... और सामान्यतः यही प्रतिपादित करने का प्रयास रहता है कि नेता जी का अपराधी से नाता है - पुराना नाता - या बहुत याराना है .... और कभी यह सिद्ध करने का प्रयास होता है कि अपराधी अपराधी इसलिए है कि उसे नेता का संरक्षण प्राप्त है - और कभी यह सिद्ध करने के लिए कि ये नेता नेता ही इसलिए है कि इसकी अपराधियों से सांठगांठ है ....
और ऐसे हर मौके पर जो नेता का बयान आता है वो कुछ इस तरह रहता है ....
हम सार्वजानिक जीवन में हैं - कई समारोहों में जाते हैं - हम रोज़ सैंकड़ों लोगों से मिलते है - फिर हर मिलने वाले के बारे में हम क्या कह सकते हैं - कौन हमसे मिल गया क्या पता - और हम किस से मिल लिए - क्या पता ??
और यह बात सही भी है .... नेता एक - मिलने वाले हज़ार - फिर वो हर मिलने वाले की अपराधी ना होने की गारंटी कैसे ले सकता है .... और यदि कोई अपराधी सा व्यक्ति उनसे आकर मिल भी ले तो वो क्या कर सकता है - उसे मिलना ही पड़ता है .... बेचारा नेता - उसे तो सबसे मिलना पड़ता है ....
पर नेता के विरोधी नेता कई बार अति कर देते हैं .... मसलन अभी उत्तरप्रदेश के महान नेता आजम खान ने बयान दिया है कि हमारे देश के महान नेता मोदी पाकिस्तान में महान अपराधी दाऊद इब्राहिम से मिल आए हैं ....
मित्रो !! अब आप ही बताइये - कि ऐसे घटिया बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी जाए ?? .. पर चूँकि मामला देश की इज़्ज़त से जुड़ा हो संगीन हो चला है इसलिए मेरी प्रतिक्रिया ....
मोदी पाकिस्तान हो लिए थे - यूँ ही चलते चलते - अनजान सी जगह .... मिलने गए थे शरीफ से - शरीफ के समारोह में शिरकत करने .... लाज़मी था वहां सैकड़ों से मिले होंगे - और सैकड़ों उनसे मिले होंगे - शरीफ भी शातिर भी .... अब मोदी तो सब को जान पहचान नहीं सकते - तो यदि उन सैकड़ों में कोई एक दाऊद भी मोदी से मिल लिया हो तो क्या पता चले ?? .. और मोदी को कैसे पता चले ?? .. मोदी की तो दाऊद से कोई पुरानी मेल मुलाकात भी नहीं ....
हो सकता है दाऊद आया हो - झुक कर सलाम कर बोला हो - चचा !! अस्सलामवालेकुम - मैं शाहसलआमिर खान - बहुत ख़ुशी हुई आपसे मिल कर .. और बस चलता बना हो .... और मोदी सर खुजा रह गए हों - कि यार चेहरा जाना पहचाना सा लगता है और नाम भी - शाहरुख़ सलमान आमिर टाइप - खैर ....
इसलिए मेरा कहना है कि आजम खान का ये बयान कि मोदी दाऊद से मिलकर आए हैं सही हो या गलत पर है बकवास और निंदनीय .... और इससे देश की इज़्ज़त गिरती है ....
और इसलिए मेरी मोदी जी को भी सलाह है कि चाहे वो दाऊद से मिलकर आए हों या नहीं - या दाऊद उनसे मिल गया हो या नहीं - पर देशहित में वो भूलकर भी मिलने की बात को स्वीकार ना करें ....
और स्मरण रहे कि यहाँ तक कि अगले २०-२५ साल बाद अपनी आत्मकथा तक में भी किसी भी प्रकार का खुलासा नहीं करें - जैसा कि आजकल फैशन सा बन गया है - हर नेता तार्किक रूप से बेकार होने के बाद आत्मकथा लिख इसी तरह की आत्मबकवास कर अपनी आत्मा की अय्याशी हेतु पैसों का प्रबंध करने लग गया है .... जैसे कि हो सकता है मोदी अपनी आत्मकथा में बस इतना लिख मारें कि - "वो २५ दिसंबर जब कोई मुझ से मिला था - कहीं वो दाऊद तो नहीं था" .. और किताब बाज़ार में चल निकले .... वैसे ही जैसे आजम खान राजनीति में चल रहे हैं ....
और आइये हम सब देशभक्त भी भक्तों के साथ मिलकर यही मानकर चलें कि मोदी दाऊद से मिलकर नहीं आए ....!! धन्यवाद !!
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