Monday 22 February 2016

// है कोई माई का लाल जो कह सके अब जातिगत आरक्षण गलत ....//


वोटों के चक्कर में आरक्षण कार्ड खेला जाता रहा था और खेला जा रहा है .... और आज बर्बाद होने की बारी आई है - हरियाणा की ....

हरियाणा में राज्य सरकार भाजपा की - और केंद्र में भी सरकार भाजपा की - और कांग्रेस भी जाट आरक्षण आंदोलन का कत्तई विरोध नहीं कर पाई है .... और आंदोलन बेकाबू हो चला है - हिंसक हो चला है - चिंता-चिता का कारण हो चला है - बर्बादी का कारण हो चला है ....

तो अब दोषारोपण किसको - और ये दोषारोपण कर उखाड़ भी क्या लेंगे ??

इसलिए "मौनमोदी" अब वाणी से दिव्यांग हो चले हैं .... 

और उधर भाजपाई सरकारों के नट-बोल्ट ढीले पड़ गए हैं - ढांचा लुंज पुंज हो चला है - चरमरा सा गया है - और साफ़ लगता है सरकार मरणासन्न हो गई है ....

खैर खेर समर्थित सरकार तो अब जाएगी .... इसलिए मुद्दा मोदी का या सरकार का नहीं है .... पर मेरे हिसाब से मुद्दा तो अब "आरक्षण" के मुद्दे का है ....

वो इसलिए कि अब हरियाणा में जाट आरक्षण का रास्ता तो साफ़ हो गया - और आरक्षण लागू भी हो ही जाएगा .... और शायद उसके बाद गुजरात में पटीदारों को भी आरक्षण देना ही पड़ जाएगा - और दे भी दिया जाएगा ....

पर मुझे चिंता इस बात की है कि अब ये आवश्यक तर्कसंगत मुद्दा कौन उठाएगा - या उठा पाएगा कि - आरक्षण जातिगत आधार पर तो होना ही नहीं चाहिए - अब तो आरक्षण आर्थिक आधार पर ही होना चाहिए ....

तो है कोई माई का लाल .. मादरे वतन का रखवाला .. देशभक्त सहिष्णु अक्लमंद नेता .. जो तर्कसंगत बात करने का इरादा रखता हो - क़ाबलियत रखता हो - और दमखम भी ????

या सब दूर बस खट्टर ही खट्टर .... और ऐसी ही खटर-पटर .... और ऐसा ही झन्नाटा .... और ऐसा ही मोदीछाप मौन मातमी सन्नाटा ????

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