मित्रो मुझे यह जानकर आश्चर्य हो रहा है कि - देश की आज़ादी से लेकर आज तक किसी भी देशवासी को देशद्रोह के जुर्म में सजा नहीं हुई है ....
और यदि ये जानकारी सही है - तो ये चौकाने वाली है .... चौकाने वाली इसलिए कि यदि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर लगाए गए आरोप सही हैं तो फिर तो संभावना बनती है कि वो देश का "पहला" सजायाफ्ता देशद्रोही हो जाएगा ....
पर मुझे फिर ये बात हज़म नहीं हो रही है - और वो इसलिए कि अव्वल तो अभी तक किसी ने उनके आरोपित गुनाह के सबूत सार्वजनिक नहीं किये हैं - और फिर मुझे ये भी नहीं लगता कि उन पर लगे आरोपों से ज्यादा खतरनाक आरोप इसके पूर्व अन्य लोगों पर नहीं लगे थे .... और इसलिए भी कि मुझे नहीं लगता भविष्य में कोइ ऐसी ही हरकत नहीं करेगा - और करके देशद्रोह में सजा पाएगा ....
तो फिर मैं सोच रहा था कि वो कन्हैया कुमार ही "पहला" नागरिक क्यों - जो देशद्रोह में सजा पाएगा ??
और जवाब जो मैं ढूंढ पाया वो यह - कि ऐसा इसलिय क्योंकि देश में "पहली" बार एक चाय बेचनेवाला प्रधानमंत्री जो बना है .... इसलिय बहुत कुछ पहली बार होते दिखना स्वाभाविक ही है .... "पहली" बार कुछ खट्टा कुछ कड़वा - कुछ खराब कुछ बकवास .... आदि !!
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