Thursday 11 February 2016

// एक अनार सौ बीमार .... या .... एक अनार के आगे-पीछे लाखों बीमारू ....//


पुरानी कहावत चली आ रही है कि - एक अनार सौ बीमार .... और इसका मतलब रहा है कि जब उपयोगी आवश्यक चीज़ एक हो और ज़रूरतमंद हों अनेक .... और क्योंकि अनार उपयोगी चीज़ है - बीमारी में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है - और हर बीमार को इसकी आवश्यकता होती है .... इसलिए कहावत बनी होगी .... एक अनार सौ बीमार ....

पर मुझे लगता है आज के परिप्रेक्ष्य में ये कहावत जरा जम नहीं रही है .... और इसका एक कारण है कि आज की भ्रष्ट राजनीति समाज पर बहुत हावी है .... पुरानी कहावतें चरमरा गई हैं  .... मसलन ....

एक अनार है - अनार पटेल - गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की बेटी .... और आरोप लगे हैं कि मोदी जी के मुख्यमंत्री और आनंदीबेन पटेल के राजस्व मंत्री रहते सरकार द्वारा अनार पटेल से सम्बद्ध किसी व्यापारिक इकाइयों को गीर फारेस्ट से लगी बड़ी ज़मीन कौड़ियों के भाव दे दी गई थी ....

और इस आरोप का प्रतिकार केवल इतना आया है कि - सब आरोप निराधार - बकवास .... और अनार ने कह दिया कि जिन फर्मों को जमीन दी गई उन फर्मों से उनका कोई लेना देना नहीं - और बस हो गया .... और यदि ये जवाब भी सही मान लें तो इस बात का जवाब तो अब तक नहीं आया कि - किसी को भी जमीन कौड़ियों के भाव क्यों दे दी गई थी ?? ?? ??

और आनंदी बेन अभी तक चुप - और मोदी हमेशा की तरह चुप ....

और पूरी भाजपा भी चुप - बिलकुल बीमारू माफिक चुप .... गूंगी बहरी लुंज पुंज .... 

इसलिए कहता हूँ - "एक अनार के आगे-पीछे लाखों बीमारू" .... भाजपाई बीमारू ....

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