Friday 26 February 2016

// जेएनयू में लगे नारे गुंजायमान किए गए और हुए .. क्यों ?? ..//


९ फरवरी .... उस दिन जेएनयू में एकबार - जी हाँ  "एकबार" - नारे लगे .... घोर आपत्तिजनक - देश की आन बान शान के विरुद्ध - बिल्कुल गंदे नारे - गाली से भी गंदे नारे ....

और उन नारोें को तब से अब तक सत्तापक्ष के नेताओं और प्रवक्ताओं और कुछ मोडिया चैनलों ने हज्जारों बार दोहराया - बड़े मज़े चटखारे ले लेकर दोहराया - बड़े उत्साह से दोहराया - शब्दशः दोहराया - तोते के माफिक दोहराया .... और बार बार सुनने को मिला और मिल रहा है वही नारों का "जाप" जिनमें इन शब्दों का समावेश है - "आज़ादी" "बर्बादी" "टुकड़े" "इंशाअल्लाह" "पाकिस्तान" .. आदि ....

और इस कारण जिन्होंने भी ये नारे लगाए थे - उन्हें उनके मकसद में अभूतपपूर्व सफलता मिल गई है - उनकी आशाओं और अनुमान से भी हज़ारों गुना ज़्यादा सफलता - क्योंकि उनके नारे आज तक ना केवल भारत में अपितु पाकिस्तान सहित पूरे विश्व में गूँज चुके हैं - और दिन-ब-दिन गुंजायमान हो रहे हैं ....

और विडंबना ये है कि इन घृणित नारों को गुंजायमान किया है उन्होंने जो अपने आप को देशभक्त दिखवाने मनवाने और सिद्ध करने का प्रयास करते रहे हैं - जो मोडिया में चमकने चमकाने का प्रयास करते रहे हैं - और जो उचकते उचकाते भी रहे हैं ....

पर विडंबना इतनी ही नहीं - विडंबना और दुखड़ा तो इस बात का भी है कि वो नारे लगाने वाले कौन थे ? .. कहाँ से आये थे ? .. कितने थे ? .. और आज कहाँ हैं ? .. क्या कर रहे हैं ? .. इसका पूर्ण और पुख्ता जवाब अभी तक किसी भी जवाबदार ने नहीं दिया है .... और ना ही कोई जवाब दिया है किसी भी उस व्यक्ति ने जो "आज़ादी" "बर्बादी" "टुकड़े" "इंशाअल्लाह" "पाकिस्तान" .. आदि समावेशित नारों को गुंजायमान करते रहे हैं ....

और इसलिए मैं उन नारों के कारण - और नारों के गुंजायमान होने के कारण - और उन नारों को गुंजायमान करने वालों के अति उत्साह और वीभत्स उत्साह के कारण - और जवाबदारों कि अकर्मण्यता और राजनीतिक मूर्खता और अपरिपक्वता के कारण आहत हूँ - शर्मिंदा हूँ - कुपित हूँ - उद्वेलित हूँ ....

और मोदी जी से इस एक और बात पर खिन्न भी !! .... किसी को कोई आपत्ति ??

// मेरे 'fb page' का लिंक .... << https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl >> //

No comments:

Post a Comment