Friday 12 February 2016

// यार बसंत पंचमी के दिन भी क्यों फ़ोकट बैठे बैठे मज़े ले रहे हो ??..छिः !! ..//


आज बसंत पंचमी है .... जो सप्ताह के पंचम दिवस पर आन पड़ी है - यानि जुम्मे के दिन ....

मध्यप्रदेश के धार जिले में एक भोजशाला है - इतिहास में जगह पा चुके राजा भोज द्वारा बनाई गई मान्य - वही राजा भोज - गंगू तेली के ज़माने वाले राजा भोज ....

अब पता नहीं क्यों इस भोजशाला पर दावा दो समुदायों का बहुत वर्षों से चलता आ रहा है .... और दावा क्या जनाब जो बिना विवाद हो - सो कह सकते हैं विवाद वर्षों से चल रहा है ....

और विवाद भी कितना पवित्र है - कि धार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत - स्वार्थ से कोसों दूर - और अपने-अपने धर्म के लिए समर्पित ....

इन दो समुदायों में एक समुदाय है हिन्दुओं का जो इसे माँ सरस्वती का मंदिर मानते हुए यहाँ (और वहां ही) पूजा हवन करना चाहते हैं वो भी अनवरत पूरे दिन ....
और दूसरा समुदाय है मुसलमानों का जो यहीं (और वहीं) जुम्मे की नमाज़ अदा करना चाहते हैं ....

और यथार्थ (जिसे अंग्रेजी में 'प्रॉब्लम' कहते हैं) ये है कि ये दोनों चाहत एक साथ पूरी हो नहीं सकतीं .... और यही उस पवित्र विवाद की मासूम सी समस्या है ....

खैर दो समुदायों के दावों के बीच एक महत्वपपूर्ण दावेदार है 'एएसआई' - जो भारत सरकार का एक उपक्रम है और जो इस भोजशाला का कब्जेदार है .... जिसने समझदारी का परिचय देते हुए ना इधर और ना उधर की बात कर बीच का रास्ता निकालते हुए कुछ व्यवस्था दे दी है ....

और हाँ मध्यप्रदेश में एक सरकार भी है .. यकीन मानें कि है .. जो इस नाज़ुक स्थिति से निपटने के लिए पूरा दम लगा पूरा लाव लश्कर लगा अपना "राजधर्म" निर्वहन करने का उचित प्रयास करते दिख रही है .... और इसके फलस्वरूप धार में पूजा शुरू हो गई है (माँ सरस्वती की कृपा से) और दोपहर को नमाज़ भी अदा हो जाएगी (इंशाअल्लाह) ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

माँ सरस्वती ज्ञान की देवी है .... और यदि ईश्वर प्रार्थना स्वीकार करते हैं - तो मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि अब हमारे करोड़ों अरबों रुपये इस व्यवस्था में लग चुके हैं - इसलिए इस बार धार के हिन्दुओं को आज "ज्ञान" दे ही देना ....
और यदि अल्लाह नमाज़ कबूल फरमाते हैं - तो मैं अल्लाह से दुआ मांगता हूँ कि धार के मुसलामानों को भी वो "ज्ञान" अता फरमाएं जिसकी दरकार है ....

और यदि ये ईश्वर और ये अल्लाह एक ही हैं - तो मेरी उस ऊपर वाले से विनम्र शिकायत है ....

यार बसंत पंचमी के दिन भी क्यों फ़ोकट बैठे बैठे हम सबके मज़े ले रहे हो ?? .... और कोई अच्छा काम नहीं है तुम्हारे पास ?? छिः !!

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