मोदी का ही कमाल था कि पिछले दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गिराने की साज़िश क्रियान्वित करी थी .... और साज़िश तब सफल हो गई थी .. अरुणाचल की कांग्रेस सरकार गिरा दी गई थी ....
और उस साज़िश से प्रोत्साहन प्राप्त कर उत्तराखंड में भी कांग्रेस की सरकार गिरा दी गई थी .... लेकिन उसके बाद उत्तराखंड में भाजपा और मोदी की इज़्ज़त के कैसे पंचनामे हुए थे सबको मालूम है .... क्योंकि अंततः वहां कांग्रेस की विधिवत सरकार बहाल कर दी गई थी जो आज तक काबिज़ है ....
और अभी-अभी अरुणाचल के विषयक भी उच्चतम न्यायलय का फैसला आ गया है - और ऐतिहासिक फैसले के अनुसार अरुणाचल में १५ दिसंबर २०१५ की स्थिति कायम करते हुए तब की कांग्रेस की नबाम तुकी सरकार को संवैधानिक रूप से बहाल कर दिया गया है ....
मेरी प्रतिक्रिया ....
'उत्तराखंड के बाद अरुणाचल' .... मुझे लगता है जैसे .... 'थप्पड़ के बाद लात' .. वो भी बिल्कुल सही ठिकाने ....
और इसलिए मेरा ऐसा मानना है कि - यदि मोदी जी में शर्म बची हो तो नैतिकता नहीं कुकृत्यों और शर्मनाक हरकतों के कारण इस्तीफ़ा दे देना चाहिए .... क्योंकि मर्यादित लोकतंत्र का तो यही तकाज़ा है !!
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