Thursday 28 July 2016

// अपनी जान का खतरा केजरीवाल को - और माफ़ी भी मांगे केजरीवाल ?? ....//


अपनी जान पर खतरा बताने वाले इस देश में सैंकड़ो हो चुके .. लेटेस्ट में बेचारी नीता अम्बानी भी हो चुकीं .. क्योंकि इस देश में जान की कोई बहुत कीमत भी नहीं रही .... बल्कि कहा जाए तो जानवरों की जान से भी गिरी कीमत यहां इंसानों की लगाई गई है .... और हत्याएं भी थोकबंद हुई हैं .. रंजिश में भी .. ईर्ष्या में भी .. लालच में भी .. चिढ़ के भी .. हार के भी .. हताश होकर भी .. खीज के भी .. बौखला कर भी .. अपने आप को बचाने के लिए भी .... और हाँ !! राजनीतिक भी .... 

अब देखें - चिंकारा शिकार मामले में खुल्लमखुल्ला और कानूनन गवाही देने वाले चश्मदीद हरीश दुलानी भी बोला कि नहीं - कि उसकी जान को खतरा है ?? .. पर किससे ?? .... अब दुलानी में इतनी हिम्मत नहीं होगी कि सीधे-सीधे किसी सुलतान का नाम ले - पर खतरा तो किसी सुल्तानी से ही समझ आता है ना ?? .. ईरानी से तो नहीं हो सकता ना ?? .. तो क्या अब जान से खतरा होने के कोई सबूत दुलानी के पास हों तो उसे पेश करने होंगे या फिर उसे माफ़ी मांगनी होगी ???? .... हर भक्त और हर देशभक्त तपाक से उत्तर देगा कि - मियाँ किस बात की माफ़ी ?? .. है ना !!

अब कल केजरीवाल ने भी अपनी जान को खतरा बता दिया - वो भी मोदी से - सीधे नाम लेकर - खुल्लमखुल्ला .... और भाजपा प्रवक्ता और सचिव श्रीकांत शर्मा कह रहे हैं कि ..केजरीवाल बेशर्मी की पराकाष्ठा पार कर रहे हैं .. उनके पास सबूत हों तो वह पेश करें - वरना तत्काल देश से माफ़ी मांगे ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

केजरीवाल ने आरोप मोदी पर लगाया है - दुलानी जैसे डरते हुए नहीं - बल्कि खुल्लमखुल्ला और स्पष्ट और सीधे नामजद .. क्योंकि हो सकता है उन्हें मोदी से जान का खतरा हो .. इसलिए वो देश से माफ़ी क्यों मांगे ?? .. इसमें देश कहाँ से आ गया ?? .. और भाजपा बीच में कहा से आ गई ?? .. और भाजपा का सचिव या प्रवक्ता कहाँ से बीच में घुस रहा है ?? .. और किस हैसियत से या औचित्य से केजरीवाल से सबूत की मांग कर रहा है ????

याद हो कि केजरीवाल ने जेटली को भी भ्रष्ट बोला था - तो जेटली ने क्या किया ?? .. व्यक्तिगत मानहानि का प्रकरण दर्ज कराया ना ?? .. मोदी तो बीच में नहीं आया ना ?? .. सरकार तो बीच में नहीं पड़ी ना ?? .... यानि मामला केजरी और जेटली के बीच हुआ ना ?? .. तो फिर ये मामला भी केजरी मोदी के बीच हुआ ना ?? .. तो इसमें प्रधानमंत्री कहा से आ गया ?? .. और बेशर्मी कि पराकाष्ठा कैसे पार हुई ?? .. और ये भाजपा को परेशानी क्यों हुई ????

वैसे भी बता दूं कि केजरी एक अक्लमंद व्यक्ति हैं - और जिस प्रधानमंत्री पद पर वो स्वयं आसीन होने वाले हों - वो उस पद की गरिमा को क्यों गिराएंगे ?? .... कदापि नहीं - संभव ही नहीं .... हाँ इसके उलट मुझे ये स्पष्ट हो रहा है कि मोदी प्रधानमंत्री के पद की गरिमा को बहुत गिरा चुके हैं .. इसलिए यदि देश से माफ़ी बनती है तो मोदी की बनती है - केजरी की नहीं .... समझे श्रीकांत शर्मा जी !!

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