Friday 22 July 2016

// बेलगाम जुबान वाले इंसानों का समाज - बेजुबान जानवरों से भी बद्तर !! ....//


दयाशंकर ने घोर गलती करी .. मायावती को भद्दी गाली देकर .. और पूरा देश मायावती के पक्ष में आ गया .. और दयाशंकर के विरुद्ध ....

लेकिन आज जब मायावती के समर्थक सारी सीमाएं लांघकर खुल्लेआम निहायत भद्दी और आपत्तिजनक बयान और गालियां दे रहे हैं - और मायावती स्वयं भी अनर्गल बातें ही कर रही हैं - तो अब आगे क्या होना चाहिए ??

मेरी विवेचना प्रतिक्रिया एवं सुझाव ....

वो प्रत्येक नागरिक जिसने मायावती के समर्थन में और दयाशंकर के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी आज उसका फ़र्ज़ बन जाता है कि वो मायावती के विरुद्ध भी आवाज़ बुलंद करे ....

और इसी कड़ी में मैं सर्वप्रथम अपने फ़र्ज़ को पूरा करते हुए मायावती को धिक्कारता हूँ और उनकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ ....

और आज मैं मायावती को खुली चुनौती देता हूँ कि यदि उनमें थोड़ी बहुत भी गैरत है तो वो भी अपने उन तमाम पार्टी वालों पर वही कार्यवाही करे जो वो दयाशंकर के विरूद्ध करने की मांग कर रही थीं .. और विशेषकर दयाशंकर के परिवार से भी हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगे - उन तमाम अपशब्दों और गालियों के लिए जो उस परिवार को दी गई हैं - और दी जा रही हैं .... 

और अपने देश की लचर एवं पक्षपाती कानून व्यवस्था की जवाबदारी को वहन कर रहे उन तमाम झकोरों से मांग करता हूँ .. अब स्वयंभू देवी मायावती और उनके गाली बकने वाले भक्तों पर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही करो ना .. थोड़ी शर्म पालकर .. और थोड़े से अपने कर्तव्य पूर्ण कर .. और थोड़ी सी कानून की इज़्ज़त कर .. और जरा सा राजनीति से ऊपर उठकर .. और थोड़ा नैतिकता के नीचे दबकर ....

करो मेरे मिटटी के शेरों - कुछ तो करो रे .. अन्यथा इस समाज से सभी मर्यादाएं विलुप्त हो जाएंगी .. और ये समाज भी जानवरों जैसा ही हो जाएगा .. बेलगाम जुबान वाले इंसानों का समाज - बेजुबान जानवरों से भी बद्तर !!!!

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