पानी नहीं गिरे तो सूखा और सूखा राहत में भ्रष्टाचार के मजे ....
पानी कम गिरे - या ओले गिरे - या मउठा गिरे - गर्मी ज्यादा पड़ जाए - या ठण्ड ज्यादा पड़ जाए .. तो भी सरकारी स्याप्पे के नाटक के बाद भ्रष्टाचार के मजे ....
और अब बहुत सूखे के बाद - ना-ना करते मध्यप्रदेश में बारिश की शुरुआत हुई .... और मेरे हिसाब से देर से हुई सामान्य हुई या सामान्य से थोड़ी अधिक हो गई .... और सरकारी भ्रष्टाचार के रहते बने निम्न गुणवत्ता के महंगे बांध पुल सड़कें वगैरह टूट-फूट गए - और फिर नदी नालों पर अतिक्रमण के रहते कुछ शहरों में पानी निकासी प्रभावित हो वहां बाढ़ की स्थिति बन गई ....
और बस अब घिसे पिटे बेशर्म बयान आने लगे कि ये प्राकृतिक विपदा आई है - नुकसान हो गया है - सरकार पूरी तरह से तैयार है - हर संभव मदद की जाएगी - इफरात में राहत जारी की जाएगी .. सारे गुणा भाग लगा लिए गए हैं .. १०० में कहाँ कितने - हमारे कितने - तुम्हारे कितने .. बस उसके कितने की बात मत करना ....
इसलिए हे उपरवाले अब तो तुझ को ही समझाइश है कि थोड़ा तराज़ू लेकर बैठ - नाप तोल के छोड़ .... यहां नीचे बहुत बड़ी बड़ी छोड़ने वाले बैठे हैं - तुझे बदनाम कर देंगे .... तेरा ही नाम ले ले कर तुझे ही शर्मसार कर देंगे - और तेरा ही नाम ले तेरे ही मत्थे - 'राहत' राशि से 'ऐश' कर लेंगे ....
हे ऊपरवाले तेरी कस्सम !! यदि तूने ३-४ साल नाप तोल के छोड़ दी ना - तो ये सारे सरकारी भ्रष्ट स्वतः ही नप जाएंगे .... कटोरा ले भीख मांगेंगे .... तेरे दर पर आकर मन्नत मांगेंगे कि हे भगवान् या तो सूखा दे या बाढ़ दे .... कुछ तो कर - रहम कर ....
अस्तु हे ईश्वर !! .. तू कुछ भी कर पर रहम सरकारी भ्रष्टों पर मत कर .... और १००% नाप तोल के छोड़ !! ....
बाक़ी तेरी मर्ज़ी ....
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दुआ जी ऊपर वाला तो नाप तौल कर ही छोड़ रहा है पर क्या करे इन कमीनो ने अपने कर्मो से उसका हिसाब ही बेहिसाब सिद्ध कर दिया। टी वी पर MP के एक टूटे हुए बाँध की झलक मात्र ही देखी थी। देखते ही भ्र्ष्टाचार दिख गया। कोई भी बाँध या नहर के पुस्ते बिना KEY WALL के नहीं बनाए जाते (KEY WALL नहर या बाँध बनाने के लिए मिटटी के तटबंध के केंद्र में किसी भी जलसहः मिटटी या कंक्रीट की एक 3 से चार फुट मोटी दीवार होती है जो आस पास की सबसे नीची जमीन के अंदर चार पांच फुट नीचे से बनाई जाती है जो पानी को रिसने से रोकती है और बाँध की ऊंचाई तक बनाई जाती है) ये दीवार बह गए बाँध से साफ़ नदारद है। जांच करा कर देख लो इस दीवार का payment अवश्य हुआ होगा। इसकी कीमत मिटटी भराव से काफी ज्यादा होती है। ऊपर से जो मिटटी भराव में प्रयोग की गयी है वो भी शक पैदा कर रही है। मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूँ इस बाँध में भयानक घपला हुआ है चाहे तो RTI करके देख लो। प्रधानमन्त्री जी इसे ही भ्र्ष्टाचार कहते है या आपकी परिभाषा कुछ और है। अब मत पूछना "क्यों मित्रो कोई भ्र्ष्टाचार हुआ.?..नहीं.....कोई भरस्टाचार हुआ? नहीं....हुआ? नहीं...हुआ?...नहीं......
ReplyDeleteThanks for the comment. Well said and 100% correct.
Deleteनहर या बाँध बनाने के लिए मिटटी के तटबंध के केंद्र में किसी भी जलसहः मिटटी या कंक्रीट की एक 3 से चार फुट मोटी दीवार होती है जो आस पास की सबसे नीची जमीन के अंदर चार पांच फुट नीचे से बनाई जाती है जो पानी को रिसने से रोकती है और बाँध की ऊंचाई तक बनाई जाती है) ये दीवार बह गए बाँध से साफ़ नदारद है। जांच करा कर देख लो इस दीवार का payment अवश्य हुआ होगा। इसकी कीमत मिटटी भराव से काफी ज्यादा होती है। ऊपर से जो मिटटी भराव में प्रयोग की गयी है वो भी शक पैदा कर रही है। मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूँ इस बाँध में भयानक घपला हुआ है चाहे तो RTI करके देख लो। प्रधानमन्त्री जी इसे ही भ्र्ष्टाचार कहते है या आपकी परिभाषा कुछ और है। अब मत पूछना "क्यों मित्रो कोई भ्र्ष्टाचार हुआ.?..नहीं.....कोई भरस्टाचार हुआ? नहीं....हुआ? नहीं...हुआ?...नहीं......
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