Thursday 14 July 2016

// सिद्ध हुआ कि .. ५६ इंची छाती हो सकती है - पर अक्ल की नितांत कमी है ....//


मोदी ने कहा मेरा सीना ५६ इंची ....
फिर अरुणाचल में और फिर उत्तराखंड में धारा ३५६ का दुरपयोग कर लगा दिया राष्ट्रपति शासन ....

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को असंवैधानिक करार दे दिया .... और थोबड़े पर चटाचट तमाचे जड़ते हुए असंवैधानिक निर्णयों को पलट दिया - बल्कि निरंक निर्णीत कर दिया ....

उपरोक्त तथ्यात्मक बात के पीछे की बातों पर मेरी विवेचना ....

कृपया विदित हो कि अरुणाचल में भी और उत्तराखंड में भी कांग्रेस के पास अंतरकलह के कारण बहुमत नहीं रह गया था - और शायद आज भी नहीं है - और कारण राहुल की मूर्खता भी हो सकता है .... और इसके उलट भाजपा ने साम-दाम-दण्ड पेलते हुए बड़ी मशक्कत कर कॉंग्रेसी विधायकों का समर्थन प्राप्त कर बहुमत का पुख्ता जुगाड़ कर लिया था .... और इस जुगाड़ के लिए अपना बहुत कुछ या सब कुछ दांव पर लगा दिया था ....

और उपरोक्त समर्थन तथा बहुमत प्राप्त करने में काम आया मोदी का ५६ इंची सीना .. यानि मोदी की राजनीतिक पहलवानी और सुल्तानी अदा .... लेकिन सफलता हासिल कर भी वो असफल हो गए .. जीत के भी हार गए .. फायदे के चक्कर में घाटा खा गए .. अंततः हासिल कुछ नहीं हुआ - बल्कि इज़्ज़त के पद पर बैठे भी बेइज़्ज़त हो गए ....

तो प्रश्न उठता है ऐसा क्यों हो गया ?? .... और अकाट्य उत्तर मैं देता हूँ ....

उपरोक्त विवेचना यह सिद्ध करती है कि मोदी के पास जिगरा हो सकता है - ५६ इंची छाती भी हो सकती है - पर अक्ल की नितांत कमी है .. कमी क्या अक्ल के पैदल ही हैं .... क्योंकि आप ही सोचें कि जिसके पास सत्ता हो - और विधायकों का बहुमत भी .. और वो असफल हो जाए - हार जाए - घाटा खा जाए - बेइज़्ज़त हो जाए - क्या इसके पहले राजनीति में कभी ऐसा सुना था ?? ....

मसलन मान लें कि किसी की छाती भले ही २८ इंची ही हो और उसके पास मध्यप्रदेश के ५०% से अधिक विधायकों का समर्थन हो और वो अक्ल से पैदल ना हो - तो क्या उसको कोई मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से रोक पाएगा ?? .. नहीं ना ?? .. मोदी भी नहीं रोक पाएंगे ना ?? .. यानि मेरी विवेचना सही सिद्ध हुई ना ?? .. और मोदी में अक्ल की कमी तो हुई ना - जैसे की भक्त राहुल में अक्ल की कमी होने का दावा करते हैं !! .... हा हा हा !!!!

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