Wednesday 6 July 2016

// 'ब्रह्मास्त्र' - बनाम - 'फुस्सी बम' - बनाम - हमारा 'देसी तमंचा' ....//


आजकल पुरानी सी चर्चा नई होकर फिर चर्चित हो पड़ी है .... प्रियंका गांधी के नामे कुछ सुलझी उलझी बातें चर्चा मैं हैं - जिसकी ना पुष्टि है ना अपुष्टि है - पर जिस पर प्रतिक्रिया बहुत है - बयानबाज़ी बहुत है - अटकलबाज़ी बहुत है - चिल्लाचोट बहुत है - चिंता बहुत है - और दावे प्रतिदावे तो वाकई बहुत हैं ....

और चर्चा क्या है .... प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में आ रही हैं - आने की आशा है - आना ही होगा - अंतिम निर्णय उनका होगा - वो आएंगी तो कांग्रेस को लाभ होगा - कायापलट हो जाएगी .. वो भी आ के क्या कर लेंगी - सिद्ध हुआ कांग्रेस के पास कोई और चेहरा नहीं .. प्रियंका के नाम से ही डरी भाजपा .. भाजपा क्यों डरने लगी - हम डरे नहीं हम तो केवल माहौल खराब कर रहे .. नहीं ये डर रहे हैं - नहीं वो डर रहे हैं .... और और और  .. "प्रियंका अंतिम ब्रह्मास्त्र" ....

मेरी प्रतिक्रिया पूरी चर्चा में सबसे अधिक कहित डायलॉग पर कि - "प्रियंका गांधी अंतिम ब्रह्मास्त्र" ....

मैं इससे सहमत नहीं .. क्योंकि कहा जा रहा है कि यदि प्रियंका भी असफल हो गई तो कांग्रेस खत्म खल्लास खप जाएगी .... और मेरा तर्क यह कि कांग्रेस वैसे भी खत्म खल्लास खपी सी है - अब इसके आगे और क्या होगी .... पर यदि प्रियंका के आने के कारण या अन्य कारणों से प्रियंका के आने के बाद यदि कांग्रेस जीवंत हो जाती है तो कहा जा सकेगा या कहना पड़ेगा या कहलवा लिया जाएगा कि प्रियंका कांग्रेस का ब्रह्मास्त्र साबित हुईं ....

पर इसके बावजूद इसे "अंतिम ब्रह्मास्त्र" कहा जाना तो बेवकूफी ही होगा - क्योंकि सुना है प्रियंका के बच्चे भी वयस्क हो रहे हैं - और राहुल भी विवाह करने जा रहे हैं .... इसलिए ये ब्रह्मास्त्र अंतिम होगा कहना सभ्य भाषा में नादानी और सत्य भाषा में बेवकूफी होगी ....

लेकिन प्रियंका के अलावा भी .... एक और परख लिया गया अस्त्र भी है जो अंतिम साबित होता दिख रहा है .... और वो अस्त्र है मोदी .... जी हाँ भाजपा-संघ का अस्त्र - नरेंद्र मोदी .... जिसे ब्रह्मास्त्र मानकर उस पर पूरा दांव खेल दिया गया था ....

पर यह अस्त्र ब्रह्मास्त्र ना सिद्ध होकर फुस्सी बम ही निकला .... और इसे आप बड़ी सहजता से भाजपा संघ का अंतिम ब्रह्मास्त्र निरुपित कर सकते हैं .... क्योंकि मोदी के आगे कोई नहीं और असफल होने के बाद ना तो स्मृति ना गडकरी ना जेटली ना राजनाथ ना पर्रिकर ना प्रभु ना सुषमा ना शाह ना ही कोई अन्य छुटभैय्या शस्त्र ही अस्त्र निरुपित किया जा सकेगा - ब्रह्मास्त्र तो फिर दूर की कौड़ी ही होगी .....

अस्तु - ब्रह्मवचनों को यहीं विराम देता हूँ .... यही कहते हुए कि कांग्रेस के ब्रह्मास्त्र का क्या होगा देखना शेष है - भाजपा-संघ के अंतिम ब्रह्मास्त्र को देख लिया - फुस्सी बम निकला ....

पर हाँ एक हमारा देसी तमंचा भी है - अरविन्द केजरीवाल - ये वो बला है जिसके आगे ये सभी अस्त्र शस्त्र ब्रह्मास्त्र अब तक बौने ही सिद्ध होते आए हैं यानि विस्फोटीय तुलना में ये फुस्से ही निकले हैं .... सही कहा ना !! जय हिन्द !!

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1 comment:

  1. हमारा देसी तमंचा भी है - अरविन्द केजरीवाल - ये वो बला है जिसके आगे ये सभी अस्त्र शस्त्र ब्रह्मास्त्र अब तक बौने ही सिद्ध होते आए हैं यानि विस्फोटीय तुलना में ये फुस्से ही निकले हैं .... सही कहा ना !! हा हा हा... लाजावाब सोलह आने सच कहा :D

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