Monday 18 July 2016

// अब तो भक्त भी मान गए हैं कि - 'पंजाब के अच्छे दिन' आने ही वाले हैं ....//


बहुत ध्यान देने वाली बात है .... यूपी में जाति धर्म की बातें - फिर पंजाब में क्यों नहीं ??

जबकि .... यूपी और पंजाब में अगले वर्ष २०१७ के शुरुआत में ही चुनाव होने हैं .... और चुनावी माहौल गर्म हो रहा है - काफी कुछ गर्म हो भी चुका है ....

और यूपी में हर मुद्दे पर "जाति" की बात हो रही है - जैसे ब्राह्मण वोट किधर - पिछड़ा वोट इधर - अतिपिछड़ा उधर - यादव वोट अपना - माइनॉरिटी अपने बाप का - और सामान्य वोट उधार का .... आदि .. और सभी पार्टियों द्वारा शतरंज माफिक ही जातिगत गोटियां बैठाई जा रही हैं - और "धर्म" के नाम पर ध्रुवीकरण के षड़यंत्र क्रियान्वित करने की कोशिशें भी सामान्य रूप से हो ही रही हैं .. ठीक वैसे ही जैसे दीपावली आई है तो फुलझड़ी और पटाखे तो छूटेंगे ही ....

और इसके अलावा - चुनावी तैयारियों के तड़के - और थोड़ी बहुत पार्टी-पॉलिटिक्स - और हमेशा की तरह राहुल प्रियंका - अखिलेश चाचा चचा नेताजी - बहनजी - तड़ीपार योगी - आदि भी .... 

पर वैसे तो पंजाब में भी विभिन्न जातियां हैं - अगड़े पिछड़े हैं - माइनोरिटी हैं - सिख हैं - हिन्दू हैं - अन्य धर्म भी हैं - धार्मिक दुकानें भी हैं - और वहां भी जाति के और धर्म के और पार्टी पॉलिटिक्स के गुणा-भाग हमेशा से ही रहे हैं .. पर इस बार चुनाव पूर्व पंजाब में अब तक वो सब 'परंपरागत' कुछ नहीं होता दिखा है ....

और ताज्जुब की बात है कि इस बार पंजाब में चर्चाओं के विषय अब तक बहुत सीमित रहे हैं .... मसलन कुल ११८ सीटों में से 'आप' कितनी सीटें जीतेगी - ड्रग्स की समस्या - भ्रष्टाचार - उड़ते पंजाब की कहानी - बादल की बदनामी - भाजपा अनजानी - कांग्रेस की लाचारी .... आदि ....

और इसका कारण ?? ....

मूल कारण है - यूपी में 'आप' चुनाव नहीं लड़ रही है - और - पंजाब में 'आप' चुनाव लड़ रही है .... 

तथा .... पंजाब में 'आप' पार्टी को वॉकओवर मिल चुका है - और 'आप' पार्टी वहां निर्विरोध चुनाव जीत चुकी है ....

क्योंकि .... अरविन्द केजरीवाल ने जाति धर्म आधारित वोटों की राजनीति से ऊपर उठकर सभी धर्मों और जातियों के प्रति समभाव के साथ आगे बढ़ने की कुशल राजनीति की शुरुआत कर दी है .... और इसलिए उन्हें सभी धर्म और जाति के लोगों का समर्थन मिल चुका है ....

इसलिए अब एक बात तय हो चुकी है कि - 'पंजाब के अच्छे दिन' आने ही वाले हैं ....

और यकीन ना हो तो आप किसी भी भक्त से ये सीधा नपा-तुला प्रश्न पूछ लें कि .. "पंजाब के अच्छे दिन' आने वाले हैं कि नहीं" ?? ....
और मेरा दावा है कि भक्त भी सकपका के बोलेगा कि - "आने वाले हैं" .... हा हा हा !!!!

पुनश्च : अब आप किसी भक्त से ये ना पूछ लेना कि - "पंजाब के बुरे दिन' जाने वाले हैं कि नहीं" ?? .. क्योंकि क्या है भक्तों को अच्छे और बुरे का पूरा ज्ञान है नहीं - फालतू बिफर जाएगा .. फ़ोकट में आदतन मोदी मोदी मोदी चिल्लाने लगेगा ....

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