Saturday 23 July 2016

// केवल दो बेवकूफ .. और सैकड़ों अक्लमन्दों वाली संसद ठप्प ?? .. हप्प !! ....//


एक दयाशंकर .... बेवकूफी की बात कह गए .... संसद में मामला उठा .. १००% सांसदों ने दयाशंकर के कहे को निंदनीय ठहराया .... दयाशंकर पर केस दर्ज हो कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो गई .. दयाशंकर ने माफ़ी भी मांग ली ....

दूसरे भगवंत मान .... बेवकूफी का काम कर गए जो संसद के अंदर का वीडिओ बना खुद ही फेसबुक पर पोस्ट कर दिए .... संसद में मामला उठा .. १००% सांसदों ने भगवंत मान के कृत्य को गलत ठहराया .... भगवंत मान के विरुद्ध स्पीकर को शिकायत भी हो गई और स्पीकर ने संज्ञान ले उचित कार्यवाही करने का आश्वासन भी दे दिया .... भगवंत मान पर केस दर्ज हो कानूनी कार्यवाही भी शुरू हो गई .. भगवंत मान ने माफ़ी भी मांग ली ....

अब आगे बढ़ते हैं ....

पर इसके बावजूद दोनों सदनों में खूब शोर शराबा हुआ - हंगामा हुआ - वेल में आवागमन हुआ - हँसते हँसाते भी गुस्से के लिए गुस्सा हुआ - मिली जुली कुश्ती हुई - बद को कई बार बदनाम किया गया .. सर्वमान्य बातों पर मानने हेतु बल दिया जाता रहा .. सब एक ही बात एक दूसरे से सहमत होते हुए दोहराते रहे और शानदार अभूतपूर्व एकतरफा थोथी "बहस" होती रही .... और ये सब होने के बावजूद भी संसद की कार्यवाही बिना अन्य कार्य सम्पन्न किये सोमवार तक स्थगित कर दी गई ....

और २ बेवकूफों और सैकड़ों मूर्खों मक्कारों पप्पुओं फेंकुओं फांकुओं जोकरों झकोरों एबलों गेलियों गमनों दोगलों शानों टुच्चों बेशर्मों राजनीतिज्ञों नेताओं सांसदों के कारण मैं अपने आपको ठगा सा महसूस करता रहा ....

ठगा इसलिए क्योंकि मैं सोचता रहा कि कहाँ हवा हो गईं वो घिसी पिटी महत्वपूर्ण बातें - जैसे कि - संसद चलनी चाहिए - भले ही कुछ भी हो जाए संसद चलनी चाहिए - बहस हो तकरार हो पर संसद चलनी चाहिए - १ घंटे संसद चलाने के लिए करोड़ों का व्यय जो होता है - आदि ???? ....

पर संसद तो चली नहीं बावजूद इसके कि पक्ष विपक्ष के सभी सांसद एक मत थे .... और ये अभूतपूर्व था - पीड़ादायक था - शर्मनाक था - असहनीय था - निंदनीय था - अशोभनीय था - अनैतिक था - बकवास था - और बेवकूफाना भी था .... 

और ठगा इसलिए भी कि .. क्या हुआ जीएसटी बिल का - महंगाई के मुद्दों का - दाल के भाव का - पकिस्तान का - कश्मीर का - दलित अत्याचार का - तमाम भ्रष्टाचार के प्रकरणों का - जजों की नियुक्तियों का - कालेधन का - रोजगार का - भगोड़ों का - किरकिट का - विकास का - आदि ????

कुछ नहीं ना !! क्योंकि बस दो बेवकूफ इन सब मुद्दों पर भारी पड़ गए ????

इसलिए मैं आज लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों से मांग करता हूँ कि वे संसद अकारण ना चलने देने हेतु जनता और देश से खेद व्यक्त करें  . और अब दोनों बेवकूफों को कानून के हवाले कर आगे ज़रा अपनी बेवकूफियों का भी संज्ञान लेवें - या फिर इस्तीफ़ा दे घर बैठें ....

अन्यथा याद रखें कि इस देश में केवल दयाशंकर अकेले गाली देने वाले नहीं और केवल भगवंत मान ही अकेले बेवकूफियां पटकने वाले नहीं .... इस मामले में ये देश "बहुप्रतिभाशाली" है .... समझे ????

// मेरे 'fb page' का लिंक .... << https://www.facebook.com/bpdua2016/?ref=hl >> //

No comments:

Post a Comment