Thursday 7 July 2016

// ये ज़ाकिर नाईक एक नायक बन इस देश में बहुत दिनों से मज़े में क्यूँ है ?? ....//


आजकल ज़ाकिर नाईक चर्चा में है ....

यकीनन मैंने इनका नाम पहले कभी नहीं सुना था - और शायद आप में से ज्यादातर ने भी नहीं सुना होगा .... पर एकाएक इनका नाम सामने आया है - एक ऐसे धर्मगुरु या इस्लामिक स्कॉलर के रूप में जो बहुत वर्षों से भाषण या प्रवचन या लेक्चर्स आदि देता रहा है - और जिससे प्रभावित हो कई नौजवान आतंकी बने जिनमें से उससे हुए २ सम्मोहित युवकों ने ही ढाका के आतंकी हमले को अंजाम दिया था ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

जब सोमनाथ की बीवी कुछ आरोप लगा दे तो एफआईआर - खेतान अपने मैनिफेस्टो को धार्मिक ग्रन्थ के तुल्य बता दे तो एफआईआर - एक मुजरिम किसी 'आप' विधायक नरेश यादव का नाम भर ले ले कि उससे जुर्म विधायक ने करवाया था तो एफआईआर .. केजरीवाल एक फाइल ११ महीने अपने पास रख ले तो एफआईआर .... पर इस अति संवेदनशील मामले में केवल चर्चा - पूछताछ - बहस - निम्नस्तर के पार्टी आधारित आरोप प्रत्यारोप - और जांच ?? .... ऐसा क्यूँ ?? ....

शायद इसलिए तो नहीं कि इसमें 'आप' का कोई लेना देना नहीं - और - इसमें धर्म आड़े आता है - और - उत्तरप्रदेश में चुनाव सर पर खड़े हैं ?? ....

और या फिर इसलिए तो नहीं कि इसी प्रकार के कई और धार्मिक नेता भी तो हैं जो हर राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते हैं .... और ऐसे संगठन भी जो ऐसी ही जहरीली बातों को जन्म दे उसका प्रचार प्रसार करते हैं .... और उनमें से कई के समर्थन पर सरकारें टिकी हैं ....

शायद किसी ने सही कहा है कि दूसरे पर वार करने से पहले अपनी लंगोट भी टटोल लेनी चाहिए .. पर इसी कारण मुजरिम पर कार्यवाही ही नहीं हो इसे भी तो ठीक नहीं ठहराया जा सकता ....

इसलिए हमेशा से कहता आया हूँ कि ऐसे मामले में क्या कांग्रेस क्या भाजपा क्या यूपीए क्या एनडीए सब एक सामान ढोंगी एवं दोगले एवं ढीठ एवं निकम्मे हैं .... और धर्म के नाम पर धंधा करने वाले वर्चस्व में हैं और मज़े में भी .... और इसलिए ज़ाकिर नाईक एक नायक बन किसी अन्य देश में नहीं बल्कि इसी देश में बहुत दिनों से मज़े में है .... वो भी आपकी नाक के नीचे भारत के एक अभिन्न शहर में रहते हुए जिसे धुरंधरियों ने मुंबई नाम दिया था - आमची मुंबई - है ना !!

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