Thursday 7 July 2016

// क्या एम जे अकबर रवीश के पत्र का जवाब देंगे ?? .. या दे सकेंगे ?? ....//


रवीश कुमार ने एम जे अकबर को एक खुल्ला सा पत्र लिख दिया है .. इतना खुल्लमखुल्ला कि ये अकबर साहब के अलावा भक्तों को नंगा सा भी लग सकता है .... 

अब किसी सारगर्भित ग्रन्थ का सार समझने के लिए सीधे ग्रन्थ ना पढ़कर यदि आप उसका सार समझाने वाले के चक्कर में पड़ेंगे तो शायद आप सार के नज़दीक कभी भी नहीं पहुँच पाएंगे - क्योंकि आप भ्रमित कर दिए जाएंगे - ठीक वैसे ही जैसे बिना गीता पढ़े गीता सार कितने समझे होंगे कल्पना की जा सकती है .... इसलिए आज मैं भी आपको एक सार की बात बताता हूँ कि - यदि आप रवीश के पत्र का सार जानना चाहते हैं तो बस एक ही उपाय है - आप उसे पढ़ लें .... आपकी सहायता गूगल गुरु कर सकते हैं या आपके समय की बचत के लिए लिंक नीचे दे रहा हूँ ....
http://khabar.ndtv.com/news/blogs/letter-to-mj-akbar-by-ravish-kumar-1428596

अतः अब मुद्दे की बात यह नहीं है कि रविश ने क्या लिखा ?? पर अब तो मुद्दा यह है कि क्या कामयाबी की डोर में यश का तमगा लटका एम जे अकबर रवीश के पत्र का जवाब देंगे ?? .. या दे सकेंगे ?? ....
और क्या घटिया भक्त रवीश को निम्स्तरीय गालियां देते रहेंगे ?? ....

पहले प्रश्न का उत्तर शायद 'नहीं' ही है पर दूसरे प्रश्न का उत्तर निश्चित 'हाँ' ही है .. यानि रवीश को गालियां पड़ते रहना तय है ....

इस विषयक मेरा भी एक पत्र रवीश के नाम ....

डियर रवीश,
क्या आपको केजरीवाल से ज्यादा गालिया पड़ी हैं ?? .. या पड़ने की सम्भावना है ?? ....
आप तो स्वयं साक्षी हैं कि नहीं .. है ना !!!! ....

बस यही सार की बात है .. और मुझे ये मालूम है कि आप ये बात बहुत अच्छे से समझे हैं - ठीक वैसे ही जैसे मुझे मालूम है कि गालियां मुझे भी बहुत पड़ती हैं पर आप से कहीं कम .. क्योंकि शायद इस देश को बदलने के प्रयास के लिए आप का योगदान मुझसे कहीं अधिक है .... मैं तो अभी पहले पायदान पर ही चढ़ने की कशमकश में हूँ ..

और मेरी तो इच्छा है कि काश मैं भी आप जैसा कर सकूं जो मुझे भी आप जितनी गालियां पड़ें ..

पर साथ ही आप जैसे लोगों की शुभकामना चाहता हूँ कि - मैं कभी भी एम जे अकबर जैसा निरुत्तर ना हो जाऊं .. और मोदी जैसा मौन ना हो जाऊं .. 

आपका शुभचिंतक ..
एवं घटिया भक्तो की गालियां खाने में आपका सहभागी ..
ब्रह्म प्रकाश दुआ

पुनष्च: स्पष्ट कर दूँ - केजरीवाल जितनी गालियां खाने की या सहन करने की या हिम्मत बताने की मेरी तनिक भी औकात नहीं .... 

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1 comment:

  1. बहुत उम्दा लिखे है आपने .... नमन _(!)_

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