बाबरी मस्जिद मुकद्दमे में पिछले ५०-६० साल से पैरोकार रहे वयोवृद्ध हाशिम अंसारी नहीं रहे .... मुझे गहरे दुःख का एहसास हो रहा है .... उन्हें श्रद्धांजलि ....
मैं दिवंगत हाशिम अंसारी साहब को एक सच्चा मुसलमान और एक निहायत नेक इंसान मानता रहा हूँ - जो तमाम मर्यादाओं में रहते बाबरी मस्जिद की लड़ाई लड़ते रहे - लड़ते रहे !! .... और जब भी 'लड़ाई में मर्यादा' की बात उठेंगी तो मुझे हाशिम अंसारी बहुत याद आएँगे .... और वो सदैव अनुकरणीय रहेंगे ....
और क्योंकि मैनें उनमें दूसरे धर्मो और राम जी के प्रति भी एक जीवंत सदभाव और आदर को महसूस किया था इसलिए आज दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देते हुए अपने दिल से कहूंगा .... "राम-राम चाचा'' !! "राम-राम" !! "ख़ुदा आपको जन्नत बख्शे" !!!!
Brahma Prakash Dua
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