Friday 1 July 2016

// ढींगरा जी !! .. मामला दस्त का हो या दस्तावेज़ का - क्या किया जा सकता है ?? ..//


वाड्रा प्रकरण में २ साल व्यतीत होने पर भी अब तक मोदिया कार्यवाही निरंक ही रही ....

पर कल जब ढींगरा आयोग की रपट आने वाली थी तो लगा शायद काली दाल में कुछ पीला सा भी दिखे ....

मन मयूरा सा हो खुश हो रहा था कि - आज रपट आए तो फिर तो लपट जइयो ....

पर रपट आते आते रह गई .. क्योंकि ढींगरा साहब को ऐन वक्त कोई दस्तावेज़ दे गया ....

और मुझे याद आया मेरे कार्यालय का वो बाबू जो अति आवश्यक कार्य के होते हुए भी कार्यालय देर से पहुंचा और कारण पूछने पर बोला .... साहब ऐन वक्त दस्त लग गए थे .....

तो मामला दस्त का हो या दस्तावेज़ का क्या किया जा सकता है ?? ....

पर हाँ एक बात तो स्पष्ट हो रही है कि वाड्रा और मोदी में - तथा कांग्रेस और भाजपा में - यकीनन सांठगांठ तो पक्की है .... और गाँठ इतनी पक्की कि जिस दिन खुल गई - बिना दस्तावेज़ों के भी दोनों को दस्त लगना तय है ....

बस इंतज़ार है केजरीवाल के प्रयासों के सफल होने का - सुब्र्मण्यम स्वामी के मोदिमोह के छलकने का - भगवत झा आज़ाद के बेटे कीर्ति आज़ाद के होश में आने का - खड़से जी को उलटी दस्त लगने का .... ललित मोदी के यशस्वी होने का - और माल्या के देश में आने की संभावनाओं के ख़त्म होने का .... आमीन !!!!

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