कुछ मोदी समर्थक मोदी जी के आज के 15 अगस्त के भाषण की तुलना मनमोहनसिंह जी के पूर्व
के भाषणो से कर मोदी जी को श्रेष्ठ स्थापित करने का सफल प्रयास करते दिखे .... बधाई
!
पर मैं सोच रहा हूँ कि क्या हालत इतनी दयनीय हो गयी है और नौबत यहाँ तक आ गयी है कि
मनमोहनसिंह जी के भाषण से तुलना कर खुश हो लिया जाय और इतिश्री मान ली जाय ????
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