Tuesday 5 August 2014

गालियों और गालीबाज़ों की महिमा !!!!

उन सभी गालीबाज़ों से, जो अरविन्द केजरीवाल को नई पुरानी अच्छी बुरी गंदी हिंदी अंग्रेजी फुस्सी धांसू गालियों पे गालियां देते ही रहते हैं, मेरा निवेदन है की अभ्यास अनवरत जारी रखें - गूगल का भी सहारा लेवें - रोज़ सार्वजनिक स्थलों के बाहर फुर्सत में और इफरात में खड़े कला संपन्न अपने प्रकार के लोगों से बातचीत कर अपनी योग्यता और बढ़ा लें ....
क्योंकि शीघ्र ही देश को उनकी इस नायाब कला की ज़रुरत मोदी जी के लिए पड़ना निश्चित प्रतीत होती है ....
राष्ट्रहित में जारी .....

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