Monday 25 August 2014

मोदी का जादू फीका पड़ रहा है !!!!

बिहार सहित पंजाब कर्नाटका मध्य प्रदेश के उपचुनाव के नतीजे आ रहे हैं ....
भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव की तुलना में सभी जगह काफी ख़राब ....
कुछ समय पहले उत्तराखंड के नतीजों में भी भाजपा का प्रदर्शन ख़राब रहा था !!!!
आभास हो रहा है कि - फ़ेंकने फांकने से आप ज्यादा दिन तक शिखर पर टिक नहीं सकते !!!! पर खेद का एक और विषय है कि जो दल जीत रहे हैं उनका पूर्व प्रदर्शन भी तो अच्छा नहीं है .... इसलिए उनकी जीत का जश्न भी तो नहीं मनाया जा सकता !!!! अतः मेरी इच्छा है कि मोदी जी के स्थान पर शीघ्र सुषमा स्वराज या अन्य कोई योग्य नेता भाजपा की कमान संभाले और बिन फेंका फांकी के गरीब जनता के लिए कुछ कर दिखाए !!!! मुझे लगता है राष्ट्रहित में अभी तो यही उचित होगा .... पर क्या ऐसा होगा? .... मुश्किल है ....प्रशांत भूषण को बधाई और धन्यवाद !!!!


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सुप्रीम कोर्ट का निर्णय - 1993 के बाद से सभी कोल् ब्लॉक आवंटन अवैधानिक !!!!
साफ़ होता है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं .... दोनों चोर चोर मौसेरे भाई !!!!
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क्या 'मौनदी' कोल घोटाले निर्णय पर बोलेंगे ????
UPA सरकार और मनमोहनसिंह की उचित निंदा करते करते एवं पूर्व NDA सरकार और अटल जी के गुणगान करते करते ही मोदी जी आज सत्ता में आये हैं ....
पर आज जब सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दे दिया की NDA की अटल सरकार भी कोल् ब्लॉक आवंटन मामले में, जिसमे देश को 1,86,000 करोड़ रुपये का चूना लगा, बराबर की दोषी है .... तो क्या अब मोदी जी तत्काल अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस करेंगे या अलग से ही कुछ बोलेंगे ????
बोलना तो बनता है यार .... पर आजकल हवा निकली हुई है कुछ विशेष बोलते नहीं बन रहा है .... अब देखें भक्त लोग और चंगू मंगू क्या बोल पाते हैं ????
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कांग्रेस v/s भाजपा की "मिली जुली कुश्ती" !!!!
आपको याद होगा कि चुनाव के ठीक पहले मोदी जी ने ऐसा ही कुछ कहा था कि - "हम UPA के भ्रष्टाचार को उजागर करने और दोषियों को दंड देने के लिए पीछे नहीं पड़ेंगे - हम तो आगे विकास के काम करेंगे" .... और मुझे तब ही शंका हुई थी कि ऐसा क्यूँ ????
मोदी के स्वयं पार्टी में तो ऐसे छुइ मुई नेता भी हैं जिन्हे यदि आपने चोर कह दिया तो वे मानहानि का दावा कर देते हैं, और मोदी उनकी पीठ ठोंकते हैं .... पर गौर फरमाये कि वाड्रा सोनिया शीला दीक्षित कलमाड़ी बंसल आदि को सुबह शाम हज़्ज़ारों बार चोर चोर कहने वाले मोदी जी चुनाव बाद चुप हैं - न तो किसी से माफ़ी मांग रहे हैं - न ही अपने आरोप सिद्ध कर रहे हैं .... और न ही कोई कार्यवाही ....
और मज़े कि बात तो यह है कि गालियां खाने वाले भी मोदी विरोध में एक शब्द नहीं बोल रहे .... जैसे कि कोई पलट कर कहे कि देखो मोदी झूठा निकला जो हमें चोर बोलता था आदि ....
यानी सब कुंडली मार के चुप्पै चाप !!!!
ऐसा क्यूँ ????
कारण अब देश के सामने है .... भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर परदे के पीछे कई बड़े चोरों के संरक्षण में लूट खसोट करते आये हैं और जो कुछ विवाद आपको ऊपर ऊपर दिखता है वो सिवाय "मिली जुली कुश्ती" के अलावा कुछ नहीं ....
कोयला एवं अन्य घोटालों के करोडो अरबों रूपए  केवल कोंग्रेसियों ने नहीं खाए हैं बल्कि ये भ्रष्ट कोंग्रेसियों भाजपाइयों व्यापारियों अफसरों नेताओं की पूरी जमात ने मिल बाँट कर खाए हैं ....
अस्तु जनता जनार्दन से अपेक्षा है कि अपनी अपनी पार्टी से वफादारी का प्रदर्शन करने के बजाय गलत को गलत कहने का साहस और बुद्धिमत्ता दिखाएँ, और इन सब भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए आगे आएं ....
अन्यथा तो आप भूल जाएँ कि आपके "अच्छे दिन" कभी भी आ पाएंगे !!!!
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सेवक .. और .. लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास ????
अपने को प्रधानसेवक कहने वाले प्रधानमंत्री वास्तव में क्या काम कर रहे हैं इसका सीधा विवरण जनता के पास तो नहीं है .... पर हाँ जो हमने उनके ढाई तीन महीने के कार्यकाल में उन्हें सीधे सीधे करते देखा है वो है - विभिन्न लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास आदि ....
मेरी प्रतिक्रिया है कि - जब आप अपने को सेवक मानते हो तो राष्ट्र के पैसे से राष्ट्र के लिए यदि इस देश के लोगों ने पूर्व सरकार के शासनकाल में कोई परियोजना पूरी करी है तो इसका एक सेवक द्वारा, जिसका उस परियोजना में कोई प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष योगदान भी नहीं है, लोकार्पण करना कैसे जायज ठहराया जा सकता है ?? और वो भी भारी भरकम आयोजन करके राष्ट्र के लाखों करोड़ों रुपये बर्बाद करते हुए जबकि गरीब भूखों मर रहे हैं - और वो भी पुरानी सरकार के बारे में तारीफ या श्रेय देने का एक शब्द बोले बगैर - बल्कि उल्टे अन्य सभी का अमर्यादित उपहास कर उन्हें नीचा दिखाने के प्रयास करते हुए ????
निश्चित रूप से ये सेवक का परिचायक तो बिलकुल नहीं है - ये राष्ट्रहित में उपयुक्त भी नहीं है - जनता को ये अपेक्षित भी नहीं है - अब जनता अपने खर्च पैसों के बदले अपना काम चाहती है - आपके स्वार्थों की पूर्ती नहीं - आपके वोटों की जुगाड़ नहीं - लाखों करोड़ों रुपये खर्च करते हुए व्यक्ति विशेष को महिमामंडित करने हेतु फ़िज़ूल लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास तो बिलकुल नहीं !!!!
वैसे भी विदित हो कि जब मालिक के यहाँ कोई भी उत्सव आयोजन समारोह आदि होते हैं तो सेवक मालिक या हीरो बनके उचकते फुदकते दम्भ दिखाते सीना फुलाते चिल्लाते नहीं दिखते !!!!
अतः बेहतर होगा कि हमारे प्रधानसेवक प्रधानमंत्री जी लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास छोड़, चुनाव पूर्व किये गए वादों पर ही अपना पूर्ण ध्यान केंद्रित करें और कुछ ठोस अच्छे काम करके दिखाएँ ....
बेहतर होगा वे लोकार्पण उद्घाटन शिलान्यास की घिसी पिटी बेमतलब की परिपाटी को पूर्णतः खत्म कर एक नई स्वच्छ पहल करें .... लोगों ने आपको कुछ ऐसी ही आशा में चुना था .... लोग आपको सराहेंगे और याद रखेंगे .... भक्तों को भी आपकी तारीफ करने का एक कारण मिल जायेगा .... वो भी खुश .... मैं भी खुश !!!!

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