विजय गोयल , हर्षवर्धन , किरण बेदी , सतीश उपाध्याय सभी को अंततः भरोसा हो गया है कि
वो दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते ! अभी और कोई नेता मुख्यमंत्री के लिए आगे आया
नहीं है ! यानी भाजपा के पास हाले-फिलाले कोई भी CM चेहरा नहीं है ! इसलिए ही भाजपा
में अभी कोई भी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं !
अंदरखाने कि बात तो यह भी है कि चुनावों में हार के बाद हार का ठीकरा किस के सर पर
फोड़ा जाएगा यह समझ नहीं पड़ रही है .... अब जब दिल्ली के सभी नेता ये ठीकरा अपने सर
फूटने हेतु तैयार ही नहीं है तो मोदी जी को भी ये डर लगने लगा है कि कहीं हार का ठीकरा
बैठे बैठाय उनके सर तो नहीं फोड़ दिया जाएगा या फूट जायेगा ?
इसलिय मोदी जी भी अभी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं !!
लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र को चुनाव हेतु खरी खोटी सुना दी है तो शायद अब इस बात का निर्णय शीघ्र करके कि मोदी के अलावा किस पर हार का ठीकरा फोड़ा जाएगा और कौन होगा बलि का बकरा, चुनाव की घोषणा कर दी जायेगी .....
इसलिय मोदी जी भी अभी चुनाव के पक्ष में नहीं हैं !!
लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र को चुनाव हेतु खरी खोटी सुना दी है तो शायद अब इस बात का निर्णय शीघ्र करके कि मोदी के अलावा किस पर हार का ठीकरा फोड़ा जाएगा और कौन होगा बलि का बकरा, चुनाव की घोषणा कर दी जायेगी .....
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