धर्मपत्नी V/S धर्मपुत्र !!!!
क्या ये दोनों ही विषय "निजी" हैं ? या नहीं हैं ?
यदि नहीं तो क्यूँ ?
यदि हाँ तो जीतबहादुर सम्बंधित सारी निजता को ताक में रख स्वयं निजता के पक्षधर इतने अग्रसक्रिय क्यूँ ? क्या जितना जीतबहादुर के लिए बोला बताया जा रहा है उतना ही जसोदाबेन के लिए बोला जाय तो आपत्ति तो नहीं होगी ? जैसे की मोदी जी ने जीतबहादुर पर एहसान किया - तो क्या जसोदाबेन से अन्याय नहीं किया ?
आज जब मैं ये सब कुछ लिख रहा हूँ तो यक़ीन माने मेरा किसी की निजता पर बोलना या उपहास करना आशय नहीं है ! मैं ये इसलिए लिख रहा हूँ कि मुद्दे की सारी बातें वो सारे वादे हवा हो रखे है, महंगाई आसमान पर और गरीब दम तोड़ रहे हैं, पूरे देश में साम्प्रदायिकता का ज़हर घोला जा रहा है .... और सबका ध्यान जीतबहादुर पर .... जो कि राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा कदापि नहीं हो सकता !!!!
यदि नहीं तो क्यूँ ?
यदि हाँ तो जीतबहादुर सम्बंधित सारी निजता को ताक में रख स्वयं निजता के पक्षधर इतने अग्रसक्रिय क्यूँ ? क्या जितना जीतबहादुर के लिए बोला बताया जा रहा है उतना ही जसोदाबेन के लिए बोला जाय तो आपत्ति तो नहीं होगी ? जैसे की मोदी जी ने जीतबहादुर पर एहसान किया - तो क्या जसोदाबेन से अन्याय नहीं किया ?
आज जब मैं ये सब कुछ लिख रहा हूँ तो यक़ीन माने मेरा किसी की निजता पर बोलना या उपहास करना आशय नहीं है ! मैं ये इसलिए लिख रहा हूँ कि मुद्दे की सारी बातें वो सारे वादे हवा हो रखे है, महंगाई आसमान पर और गरीब दम तोड़ रहे हैं, पूरे देश में साम्प्रदायिकता का ज़हर घोला जा रहा है .... और सबका ध्यान जीतबहादुर पर .... जो कि राष्ट्रीय महत्व का मुद्दा कदापि नहीं हो सकता !!!!
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