Sunday 17 August 2014

"भारत रत्न" की घोषणा क्यूँ नहीं ????

खबर थी कि 5-5 मेडल का आर्डर हो गया है - ध्यानचंद जी का नाम प्रस्तावित कर दिया गया है - स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचन्द्र बोस का नाम भी लगभग तय है - फिर एक दम से क्या हो गया ???? "भारत रत्न" की घोषणा क्यूँ रोक दी गयी ????
इस सरकार को विदित हो कि पिछली सरकार ने तो सचिन का नाम तय होते ही 2 दिन में सारी प्रक्रिया पूरी कर घोषणा कर दी थी - पर क्या बात है कि इस सरकार में इतने नायाब रत्न होते हुए भी अनिर्णय की स्थिति ????
कहीं ऐसा तो नहीं कि निर्णय लेने के मामले में भी ये सरकार पिछली सरकार से गयी बीती है ????
कहीं ऐसा तो नहीं कि इस सरकार में रत्न कम और नगीने ज्यादा हैं जो संसद में घोषणा करने के बाद भी पीछे हट जाते हैं ????
या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि इसी सरकार में आसीन बन्दों ने पूर्व में पिछली सरकार पर इतनी टीका-टिप्पड़ी - छींटाकशी - निंदा - समझाइश - मांग कर डाली थी की अब स्वयं ही उन सब बातों को पूरा कर खरा उतारना असंभव सा लग रहा है ???? और कहीं इसी कारण से इस साल "भारत रत्न" ही न देने का निर्णय कर लिया हो ???? ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी !!!!
नमोः नमोः !!!! जो सरकार सुचारू रूप से पुरुस्कार तक ना दे सके उससे आगे और क्या अपेक्षा की जाए ????

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