बाप बेटों के ताज़े प्रकरण !!!! घोर विरोधाभास !!!!
सदानंद गौड़ा के बेटे पर संगीन इलज़ाम - केस दर्ज - आरोपों से बाप का इंकार - इस्तीफे से भी इंकार - भाजपा चुप - हो सकता है कि कल आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो भी गौड़ा अपने पद पर बने रहें, ये कह कर कि उन्होंने थोड़े ही कुछ करा, जो किया उनके बेटे ने किया - कानून अपना काम करेगा - उनका बेटे से कोई वास्ता नहीं, आदि ..... कितना अनैतिक स्टैंड होगा ना !!!!
जबकि इसके विपरीत राजनाथसिंह का स्टैंड देखिये कि सार्वजनिक रूप से कह दिया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यदि प्रथम दृष्टया आरोप भी सिद्ध हो जाते हैं तो वो राजनीती को ठोकर मार घर बैठ जाएंगे .... अब इसे कोई नैतिक स्टैंड तो नहीं कह सकते ....
पर देखिये एक ही सरकार के दो मंत्री - दोनों के स्टैंड में अपनी अपनी सुविधानुसार विरोधाभास !!!! पार्टी एक प्रधानमंत्री एक पर मान के चलिएगा दोनों ही प्रकरण में कुछ किया जाने वाला नहीं है .... क्यों ?? क्योंकि आखिर मोदी जी और सरकार को भी अपनी सुविधानुसार स्टैंड लेने का अनैतिक अधिकार जो प्राप्त है ... है ना !!!!
इस तरह अब सारी बात सुलझ गयी पर एक बात फिर उलझ गयी .... समझ में नहीं आ रहा कि वाड्रा के कारनामों के लिए सास और साले को यही लोग निर्दोष मान लेंगे ???? जबकि पहले यही लोग इस मामले में कितनी उचित फेकम-फांक करते आये हैं .... ओफ्फोह ! ये तो और भी घोर विरोधाभास !!!! है ना !!!!
सदानंद गौड़ा के बेटे पर संगीन इलज़ाम - केस दर्ज - आरोपों से बाप का इंकार - इस्तीफे से भी इंकार - भाजपा चुप - हो सकता है कि कल आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो भी गौड़ा अपने पद पर बने रहें, ये कह कर कि उन्होंने थोड़े ही कुछ करा, जो किया उनके बेटे ने किया - कानून अपना काम करेगा - उनका बेटे से कोई वास्ता नहीं, आदि ..... कितना अनैतिक स्टैंड होगा ना !!!!
जबकि इसके विपरीत राजनाथसिंह का स्टैंड देखिये कि सार्वजनिक रूप से कह दिया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य के खिलाफ यदि प्रथम दृष्टया आरोप भी सिद्ध हो जाते हैं तो वो राजनीती को ठोकर मार घर बैठ जाएंगे .... अब इसे कोई नैतिक स्टैंड तो नहीं कह सकते ....
पर देखिये एक ही सरकार के दो मंत्री - दोनों के स्टैंड में अपनी अपनी सुविधानुसार विरोधाभास !!!! पार्टी एक प्रधानमंत्री एक पर मान के चलिएगा दोनों ही प्रकरण में कुछ किया जाने वाला नहीं है .... क्यों ?? क्योंकि आखिर मोदी जी और सरकार को भी अपनी सुविधानुसार स्टैंड लेने का अनैतिक अधिकार जो प्राप्त है ... है ना !!!!
इस तरह अब सारी बात सुलझ गयी पर एक बात फिर उलझ गयी .... समझ में नहीं आ रहा कि वाड्रा के कारनामों के लिए सास और साले को यही लोग निर्दोष मान लेंगे ???? जबकि पहले यही लोग इस मामले में कितनी उचित फेकम-फांक करते आये हैं .... ओफ्फोह ! ये तो और भी घोर विरोधाभास !!!! है ना !!!!
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