Tuesday 3 March 2015

//// "नरम पृथकतावादी" - बनाम - "गरम हिंदुत्व"....हुर्र-हुर्र - गुर्र-गुर्र ....////


भाजपा और पीडीपी ने मिलकर या सही मायने में सींग लड़ाते हुए या टंगड़ी फँसाते हुए लंगोट पकड़ जम्मू-काश्मीर में स्थिरता के नाम पर एक अस्थिर सरकार टाइप की नायाब चीज़ बना मारी है .... जो पिछले पूरे ३ दिन से टिकी हुई है .... और इस टिकाऊपन के लिए मैं मोदी जी को श्रेय देता हूँ .... जिन्होंने शायद तय कर लिया है कि जम्मू की माटी के खातिर वो अपनी बेइज़्ज़ती तक करवाने के लिए तैयार हैं - कई लोग गालियां दे ही रहे हैं तो कुछ और सही - क्या फर्क पड़ता है !!!!

मित्रों मेरी नज़र में ये सरकार राजनीतिक लव-जेहाद का एक जीता जागता उदाहरण है - और इसमें कई लोगों की घर वापसी होना अपेक्षित है - और घर वापसी के पूर्व कुछ लड़ाई होना भी तय है - और ये लड़ाई है - "नरम पृथकतावादी" और "गरम हिंदुत्व" के बीच !!!!

अब गौर फरमाइए >>>>

>> पहले ही दिन - "नरम पृथकतावादी" पीडीपी ने नरमी भरे अंदाज़ में कह दिया कि सफल चुनाव का श्रेय तो पाकिस्तान आतंकवादियों और हुर्रियत को जाता है .... और "गरम हिंदुत्व" बीजेपी गरम हो गयी - हर-हर के बजाय "हुर्र-हुर्र" करने लगी ....

>> दूसरे दिन - "नरम पृथकतावादी" पीडीपी ने नरमी भरे अंदाज़ में अफजल गुरु के अवशेष संबंधित माँग रख दी .... और "गरम हिंदुत्व" बीजेपी सुलग गयी - हुर्र-हुर्र के बाद "गुर्र-गुर्र" करने लगी ....

>> और मित्रों मुझे पूरा भरोसा है कि आने वाले दिनों में ये "नरम" लोग ऐसे ही सुरसुरी छोड़ते रहेंगे - और ये "गरम" लोग सुलगते रहेंगे सिकते रहेंगे भुनते रहेंगे जलते रहेंगे .... और यदि इस प्रक्रिया के दौरान किसी ने "राष्ट्रीय - मिटटी का तेल" इस आग में डाल ही दिया तो फिर भभकने और राख होने में भी क्या देर लगेगी ????

इसलिए अंत में भक्तों से निवेदन करूंगा कि यदि वे चाहते हैं इस अग्नि और तपन व जलन से बचा जाए तो उनको अब अपने किये कराये पर पानी फेर देना चाहिए .... मोदी जी को कह देना चाहिए - बस बहुत हो गया - अब ठंडे ही पड़ जाओ तो बेहतर !!!!
!!!! जय हिन्द !!!!
//ब्रह्म प्रकाश दुआ//

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