अब विवाद गहरा गया है या बड़ा बना दिया गया है - और थोड़ा उलझ भी गया है - बहस जारी है ....
पर इस बीच सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर रोक लगा दी थी - और बावजूद इसके BBC ने इसे आज प्रसारित कर दिया था - और इसे U-TUBE पर अपलोड भी कर दिया गया था ....
और आज टीवी चैनलों पर बहस के बीच यह भी उजागर और सिद्ध हुआ कि कई पत्रकारों एवं अनेक लोगों ने इसे देखा - और ना केवल देखा पर इसके गुण दोष के बारे में व्यापक चर्चा भी की - और तो और पैनल पर दूसरे लोगों को यहाँ तक कहा कि पहले आप इसे देखें फिर चर्चा करें - आदि इत्यादि !!!!
अतः इस विषयक मेरा प्रश्न है कि ....
क्या इस देश में ऐसी डॉक्यूमेंट्री देखना - जिस पर सरकार द्वारा आधिकारिक रोक लगी हो और जिसे प्रसारित करने के अपराध के लिए प्रसारित करने वाले विदेशियों पर कानूनी कार्यवाही भी शुरू कर दी गई हो - क्या अपने आप में अपराध नहीं ????
और यदि ये अपराध है तो क्या अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही होनी चाहिए या होगी ??
क्या इस पर भी रोक लगेगी कि कोई भी इस डॉक्यूमेंट्री के कंटेंट्स के बारे में टीवी पर चर्चा ना करे ????
मुझे लगता है कि सरकार इस मुद्दे पर कहीं न कहीं गलत और अप्रासंगिक है !!!!
और मैं साफ़ कर दूँ कि ना तो मैंने ये डॉक्यूमेंट्री देखी है और ना मैं देखने की इच्छा या इरादा रखता हूँ .... पर कुछ सार्थक परिणाम की प्रत्याशा में ही एक बार फिर अपनी बात आपके समक्ष रख रहा हूँ ....
आशा है बहस जारी रहेगी ..... !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\
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