Friday 13 March 2015

//// "स्टिंग" कहीं और हुआ है - और "डंक" की चुभन कहीं और ही हो रही है ....////


पहले आपसी फूट - और फिर "स्टिंग" .... आजकल 'आप' पार्टी को लेकर मीडिया में चर्चा चरम पर है - टीवी पर भी यही मुद्दा पहले नंबर पर बना हुआ है - सोशल मीडिया और जनता में भी बहुत चर्चा है ....

पर इस बीच मैंने एक विचित्र बात नोट करी है - और बात बड़ी मज़ेदार भी है ....

"स्टिंग" को लेकर 'आपियन्स' बहुत उद्वेलित हैं .... टीवी चैनल्स पर एंकर बहुत बतिया रहे हैं और बहुत मज़े ले रहे हैं - ना ना प्रकार के आरोप और प्रश्न छोड़े जा रहे हैं - चटखारे भी लिए जा रहे हैं .... स्टिंग करने कराने वाले भी टीवी पर छाए हुए हैं - कभी कुछ बोलते हैं कभी कुछ .... 'आप' पार्टी की तरफ से भी अनेक नेता टीवी पर आ कर बयान दे रहे हैं - कभी चिंतित और दुखी दिखते हैं तो कभी निश्चिन्त और प्रसन्न - "स्टिंग" को लेकर कभी प्रतिकार करते हैं तो कभी असहज हो जाते हैं ....

पर जनाब इस सबके बीच ये भाजपाई और कोंग्रेसी कहीं भी मुख्य विपक्षी रोल निभाते नज़र नहीं आए .... किसी ने केजरीवाल का इस्तीफ़ा नहीं माँगा - किसी ने मोर्चा नहीं निकाला - किसी ने चिल्लाचोट नहीं मचाई - कोई नारेबाजी तक नहीं - कोई कटु शब्दों का प्रयोग नहीं .... ये सब तो टीवी पर ऐसे आ कर ऐसी शालीनता से अपनी बात रख रहे हैं जैसे खूंसट सास ससुर के सामने घूंघट ओढ़े बहू बड़े धीरे से बोलती है - जैसे कि .... ये "स्टिंग" केजरीवाल जी ने ही सुझाया था दूसरों को फ़साने के लिए पर बेचारे खुद ही फंस गए - ये 'आप' पार्टी कोई नायाब पार्टी नहीं है बल्कि ये भी हमारे जैसी ही है - शुचिता के तो बस दावे ही दावे हैं - अब इन्हें राजनीति क्या होती है समझ आ रही होगी - नए हैं समझ जाएंगे - आदि इत्यादि !!!!

और ऐसा इसलिए कि ये भाजपाई और कोंग्रेसी वाकई में बहुत शाने हैं .... इन्हें मालूम है कि जिन बातों को लेकर भोली भाली जनता और 'आप' के कार्यकर्त्ता इतने उद्वेलित हो रहे हैं वो सभी बातें खोखली हैं - और शायद जो स्टिंग अभी सामने आये हैं उससे भी १०० गुना स्टिंग इन शाने नेताओं के भी निकट भविष्य में ही सामने आ सकते हैं - और इसलिए जब ऐसा होगा तो बेचारे ये स्वयं क्या करेंगे ????

इसलिए - अब शांति शांत हैं - योगेन्द्र भूषण बिन्नी होते दिख रहे हैं - इल्मी फ़िल्मी हो गए हैं - कई किरण हो गए हैं - विश्वास तो विश्वास में हैं पर कुछ परेशान हैं - कुछ परेशान कर रहे हैं - कुछ रो भी रहे हैं - पर ज्यादा रुला भी रहे हैं - कुछ निकल गए हैं कुछ निकाले गए हैं कुछ निकाले जाएंगे .... कुछ स्टिंग बताने में व्यस्त हैं - कुछ केजरीवाल की आवाज़ को सुन सुन कर उन्हें याद कर रहे हैं - उनके वचनो को सैंकड़ों बार सुन रहे हैं - कुछ अपना खून जला रहे हैं - अस्वस्थ हो रहे हैं .....

पर उधर केजरीवाल स्वास्थ्य लाभ ले रहे है - मस्त हैं - मजे में हैं - मजे ले रहे हैं ....

और उधर भाजपाई कोंग्रेसी चिंतित मायूस और परेशान हैं .... दड़बे में छुपे हैं .... मुझे साफ़ इंगित हो रहा है कि - "स्टिंग" कहीं और हुआ है - और "डंक" की चुभन कहीं और ही हो रही है ....

और मैं प्रसन्न चित्त बेफिक्र लिख रहा हूँ - और लिखता रहूंगा .... राजनीति करवट ले रही है - व्यवस्थाएं बदल रहीं हैं - "स्टिंग" का चलन छा रहा है .... दिल्ली सरकार अपना काम कर रही है - और केजरीवाल पूर्ण आराम लेते हुए भी अपने पथ पर अडिग चलते दिख रहे हैं .... वाह क्या बात है !!!!
!!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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