Thursday 19 March 2015

//// शिक्षा मंत्री कहिन - नक़ल नहीं रोक सकते .... जूते पड़ेंगे तो कौन रोकेगा ??....////


बिहार में १० वीं बोर्ड की परीक्षा में होती खुल्लमखुल्ला नक़ल के नज़ारे टीवी पर देखे ....
परीक्षा केंद्र के बाहर के नज़ारों में दिखा कि एक ४ मंज़िला भवन में कई युवक जान हथेली पर रख छज्जों पर चढ़े हैं - और ऊपर छत से रस्सियाँ भी लटक रहीं हैं - और नक़ल की अनवरत सप्लाई खिड़कियों के मार्फ़त चालू है - शायद सीन देख फायर ब्रिगेड वाले भी भौंचक रह गए होंगे ....
और परीक्षा केंद्र के अंदर के नज़ारों को भी देखा - क्या शिक्षक क्या परीक्षार्थी और क्या बाहर से नक़ल की सप्लाई करने वाले - सब बेख़ौफ़ अनवरत नक़ल करते कराते साफ़ साफ़ दिखे ....

परीक्षा केंद्र पर जिम्मेदार और ड्यूटी पर तैनात पुलिस वाले भी सब मौजूद दिखे पर वे भी नकल के ही सहभागी बने दिखे या फिर असहाय से या फिर कर्तव्यविमूढ़ !!!!

क्या कहेंगे ?? शर्मनाक ??

नहीं मित्रो यह शर्मनाक नहीं है - क्योंकि शर्मनाक तो वो है जो मैं आगे बता रहा हूँ ....

बिहार के शिक्षा मंत्री पी.के. शाही जनाब ने कहा है - नक़ल रोकना संभव नहीं - गोलियां नहीं चलवा सकते - नक़ल रोकना केवल सरकार का काम भी नहीं ....

तो मित्रो अब आप फैसला करें कि ज्यादा शर्मनाक नक़ल करने कराने वाले हैं या ऐसे नालायक शिक्षा मंत्री और उनके मातहत अन्य जिम्मेदार अधिकारी शिक्षक पुलिस प्रशासन आदि इत्यादि ????

और हाँ एक बात और जोड़ना चाहूँगा - नक़ल रोकना केवल सरकार का काम नहीं है .... सही मान लेते हैं .... पर ऐसे निकम्मे नालायक मंत्री को यदि जूते पड़ें तो उन जूतों को रोकने का काम कौन करता आया है या कौन करेगा ?? क्या मंत्री महोदय बताएँगे ये 'कानून-व्यवस्था' किस चिड़िया का नाम है ????
मित्रो उपरोक्त प्रश्नों पर भी मनन जरूर करियेगा !!!! धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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