Friday 27 March 2015

//// बधाई !! अब 'आप' से अच्छी १००% शुद्ध नायाब पार्टी बनने जा रही है....////


'आप' पार्टी में अंतर्कलह चरम पर .... बहुत सारे बयान सामने आ गए हैं - बहुत बहस सुन ली है - बहुत कुछ देख लिया है - बहुत कुछ समझ लिया है - और मुझे स्पष्ट हुआ है कि ....

भूषण-यादव बहुत दिन से असंतुष्ट थे ....
उन्हें कई बार बता दिया गया था कि वे 'आप' पार्टी छोड़ दें ....
उन्होंने ने भी केजरीवाल को बार-बार बता दिया था कि उनमें क्या कमियां हैं ....
उन्होंने ये भी बता दिया था कि 'आप' पार्टी अन्य पार्टियों जैसे ही बहुत निम्नस्तर तक गिर चुकी है....
उन्होंने केजरीवाल द्वारा कांग्रेस से की गई जोड़ तोड़ को तो बिलकुल ही अनैतिक माना था ....
उन्होंने चंदे शराब स्टिंग फर्जी डिग्री प्रकरण आदि पर आतंरिक लोकपाल से जांच की कई बार मांग भी की थी ....
भूषण-यादव दोनों चाहते थे कि पार्टी में पूर्ण पारदर्शिता हो - पूर्ण लोकतंत्र हो - आरटीआई लागू हो - स्वराज की स्थापना हो - कभी किसी एक व्यक्ति की न चले - हर बात पे कार्यकर्ताओं का वोट भी लिया जाए ....
भूषण-यादव दोनों केजरीवाल के कार्य करने के तरीके से कभी भी संतुष्ट नहीं रहे ....
उनके अनुसार केजरीवाल सत्ता और पद के लोभी हैं और वे तानाशाह जैसा व्यवहार करते हैं ....
लेकिन भूषण-यादव ने सभी बातें दिल्ली चुनाव के पहले सार्वजनिक नहीं करके और यहाँ तक कि पारदर्शिता तक को ताक पर रख पार्टी और केजरीवाल पर एहसान किया ....
लेकिन वे पार्टी से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं थे और उन्होंने तय कर लिया था कि वे तो "सुधरेंगे और सुधारेंगे .... ऐसी-तैसी करेंगे कराएंगे ....  
उन्हें कई बार बता दिया गया था कि अरविन्द केजरीवाल उनके साथ काम नहीं करना चाहते हैं ....
उन्हें अब सम्मान के साथ पार्टी से स्वयं इस्तीफ़ा देने के लिए भी कह दिया गया है ....
लेकिन - भूषण-यादव ने इस्तीफ़ा देने से इंकार कर दिया है ....

और उपरोक्त सभी बातों के मद्देनज़र मैं 'आप' पार्टी को सलाह देना चाहता हूँ कि .... जो भूषण-यादव स्वयं सम्मान के साथ पार्टी नहीं छोड़ने को तैयार हैं - उन्हें ससम्मान पार्टी से बाहर कर ही देना श्रेयस्कर होगा !!!!

और भूषण-यादव के समर्थकों को बधाई के साथ सूचना देना चाहूंगा कि अब बहुत शीघ्र ही इस देश में एक सबसे नायाब नैतिक सच्ची पार्टी बनने जा रही है - जो पूर्णतः पारदर्शी और लोकतांत्रिक होगी - जिसमे प्रत्येक बात सभी कार्यकर्ताओं की इच्छानुसार ही तय होगी - और ये पार्टी एक व्यक्ति की सनक पर तो हरगिज़ नहीं चलेगी और इसलिए इस पार्टी के दो संयोजक होंगे - प्रशांत भूषण एवं योगेन्द्र यादव - जो कदापि कदापि अपनी मर्ज़ी से कुछ भी नहीं करेंगे - बस नाम मात्र को नई पार्टी को नेतृत्व और नाम और ऊर्जा देने का काम करेंगे - और इस पार्टी में प्रत्येक कार्यकर्त्ता को अपना कौशल और क्षमता बताने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त होता रहेगा - और जब कार्यकर्त्ता चाहेंगे भूषण और यादव को अपदस्थ कर स्वयं पार्टी संयोजक बन सकेंगे - यानि यहाँ तक संभव है कि ३-४ साल बाद बिन्नी-इल्मी संयुक्त रूप से इस पार्टी के संयोजक बन जाएं .... और अन्ना-बेदी संरक्षक !!!!

अतः मेरा भूषण-यादव के सभी समर्थकों से आग्रह है कि वे स्वयं और देश हित में कामना करें कि भूषण-यादव शीघ्र ही 'आप' पार्टी का पिंड छोड़ दें - ताकि 'आप' पार्टी हल्की हो सके और एक नई सुबह की नए सूरज के साथ शुरुआत हो सके !!!!
धन्यवाद !!!!

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