Tuesday 3 March 2015

//// २९ रूपए की सब्सिडाइस्ड कीमत पर भोजन खाना महानता और गर्व की बात या नीचता और शर्मिंदगी की ??....////


मोदी जी ने संसद की कैंटीन में खाना खाया - और निर्धारित २९ रूपए का भुगतान किया .... यह एक प्रकार से सादगी और समभाव की दृष्टि से तो प्रशंसनीय है - पर इस बात को मोदी जी की महानता निरूपित करने का प्रयास किया जा रहा है जो मेरे अभिमत में सही नहीं है !!!!

मित्रों इस विषयक एक अलग दृष्टिकोण के परिप्रेक्ष्य में मैं आप सबके समक्ष कुछ प्रश्न रखना चाहता हूँ >>>>

> क्या मोदी जी ने जो भोजन खाया उसमें सब्सिडी के रूप में जनता के पैसे का योगदान नहीं था ?
> क्या जनता ने सरकार को अनुमति दी थी कि उनके सांसद विधायक जनता के पैसे से महंगा खाना सस्ते में खा लें ?
> ये देश मक्कार VVIP लोगों के हित हिसाब से चलना चाहिए या आम जनता के हित हिसाब से ?
> इस देश में मुफ्त का या सस्ता खाना खाने का पहला अधिकार एक अति गरीब का होना चाहिए या समृद्ध सांसदों विधायकों का या अन्य VVIP का ?
> क्या सांसदों विधायकों को ऊंचा अच्छा वेतन नहीं मिलता ?
> क्या हमारे सांसदों विधायकों को अपने खाने का वास्तविक भुगतान नहीं करना चाहिए ?
> क्या गरीब के पेट पर लात मारकर अपना पेट भरना महानता और गर्व की बात है या नीचता और शर्मिंदगी की ?
> क्या संसद की कैंटीन में सब्सिडी युक्त खाना खाने का एक अवसर मुझे भी दिया जाकर महान बनने का अवसर प्रदान किया जाएगा - जिसके लिए मैं २९ रूपए के विरूद्ध दोगुना ५८ रूपए का भुगतान करने के लिए भी तैयार हूँ ?

मित्रों मेरे प्रश्नों पर यदि आप गौर करेंगे तो आप पाएंगे कि जिस बात को मोदी जी की महानता बताया जा रहा है वास्तव में वह एक शर्मनाक बात है - और मैं मोदी जी को गरीब के पेट पर लात मार सस्ते में खाना खाने के लिए धिक्कारता हूँ ....

साथ में जोड़ना चाहूँगा कि हम सबको भी अपने हक़ हलाल की ही खानी चाहिए हराम की नहीं ....
और यदि सांसदों विधायकों को २९ रूपए में ही भोजन खाना है तो इसके प्रावधानों का निर्धारण उन्हें स्वयं न करते हुए पहले जनता से इसकी स्वीकृति लेनी चाहिए .... आजकल 'TIMES NOW' पर भी 'VVIP CULTURE' के विरुद्ध चैनल द्वारा एक आवश्यक और सराहनीय मुहीम चलाई जा रही है - और मुझे लगता है कि ये मुद्दा भी उसी श्रेणी के अंतर्गत आता है ....

अतः मित्रों हमें मोदी जी द्वारा ग्रहण किये गए २९ रूपए के भोजन और अन्य कई सुविधाओं का लाभ लेने हेतु उनकी एवं समस्त सांसदों और विधायकों की निंदा करनी चाहिए - और विरोध भी !!!!
जागो मित्रों जागो .... धन्यवाद !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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