पिछले कुछ वर्षों की राजनीतिक उठापटक से जो मेरा ज्ञानवर्धन हुआ उसे आज मैं आपके साथ साँझा करना चाहता हूँ ....
जो व्यक्ति अपने से बेहतर स्थिति वाले से पंगा लेता है तो वो स्वयं भी गलती ना करने के लिए और विरोधी को कोई मौका ना देने हेतु पहले से और सजग सचेत हो जाता है - और इसलिए - उसे घेरना और मुश्किल हो जाता है - वो बहादुर कहलाता है - यशस्वी हो जाता है - और एक दिन विरोधी की स्थिति ख़राब कर अपनी स्थिति सुधार लेता है ....
जो व्यक्ति अपने से निम्न स्थिति वाले से पंगा लेता है तो वो स्वयं ही गर्राता रहता है और खुशफहमी में गलती कर विरोधी को कई मौके देने की गफलत कर जाता है - और इसलिए - उसे घेरना आसान हो जाता है - वो कायर कहलाता है - मनोरोगी सा हो जाता है - और एक दिन विरोधी से परास्त हो अपनी स्थिति निम्न कर लेता है ....
इसलिए मेरा मानना है कि यदि पंगा लेना ही है तो ले लो - पर अपने बराबर या अपने से बेहतर स्थिति वाले से - अपने से निम्न स्थिति वाले से कदापि नहीं ....
और हाँ अनुभव के साथ एक तड़का और ....
अपने से ज्यादा पढ़े लिखे चपल चालाक तीव्र गुस्सैल जिद्दी क्रांतिकारी से पंगा तो किसी भी समझदार को किन्ही भी परिस्थितियों में लेने की सोचना भी नहीं चाहिए .... !! समझे समझदार !!
वो कायर कहलाता है - मनोरोगी सा हो जाता है - और एक दिन विरोधी से परास्त हो अपनी स्थिति निम्न कर लेता है . #modikayer
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