Wednesday 9 December 2015

// मखमली से बदले का राजनीतिक बदला - संसद ठप्प - हैप्पी बर्थडे ....//


और संसद की कार्यवाही एक बार फिर ठप्प ....

कारण ?? .... सत्ता पक्ष के खिलाफ विपक्ष का पुराने टाइप का घिसा पिटा आरोप कि - सत्ता पक्ष हमारे विरुद्ध बदले की भावना से कार्यवाही कर रहा है .... और इस बार क्या हुआ है - 'पहले एकल जपाई और अब भाजपाई' पेशे से वकील सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा पुश्तैनी काँग्रेसी नेशनल हेराल्ड नामक पुराने समय के अखबार से सम्बद्ध काँग्रेसी घपले का आरोप लगा काँग्रेस के पर्यायवाची परिवार पेशे से सांसद गांधी परिवार को अभियुक्त के तौर पर न्यायालयीन प्रक्रिया में घसीट लिया ....

मेरी प्रतिक्रिया ....

क्यों भाई ? क्या बदले की भावना से की गई कार्यवाही इस देश में पहली बार हुई है ?? और फिर यदि किसी बात का बदला लिया भी जा रहा है तो बदला ही तो है - बदला तो लिया ही जाता है - और लिया भी जाना चाहिए - जैसे अभी हमें पाकिस्तान से कई बदले लेना हैं ....

और यदि बदले की कार्यवाही किसी न्यायिक प्रावधानों के तहत की जा रही है तो ऐसी कार्यवाही तो 'सभ्यतम्' कार्यवाही कहलाएगी - बिलकुल "मखमली सा बदला" .... क्योंकि असली बदले की कार्यवाही से तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं - जब हाथापाई गालीगलौज मारपीट होती है - जब हत्याएं या दंगे हो जाते हैं - या जब हत्याएं या दंगे किए और कराए जाते हैं ....

पर शायद ऐसी मखमली बदले की कार्यवाही पर ऐसी प्रतिक्रियाएं नहीं देखने को मिली थीं जितनी इस बार काँग्रेसी सम्बद्ध नेशनल हेराल्ड प्रकरण में देखने को मिल रही हैं - और संसद तक ठप्प की गई है ....

पर लगता है कि इस बार संसद इसलिय ठप्प है क्योंकि मुद्दे में निश्चित ही राजनीति घुसी पड़ी है .... और संसद राजनीति का मंदिर भी हुआ करती है और अखाड़ा भी .... या यूँ कहूँ - वस्तुतः अखाड़ा ही ....

इसलिए यदि सुब्रमण्यम स्वामी को पूरे देश में कहीं भी कोई अन्य भ्रष्टाचार नहीं दिखा - और तो और यदि उन्हें अपनी पूर्व जनता पार्टी या भाजपा में और कोई भ्रष्टाचार नहीं दिखा - या उन्हें किसी गरीब का दुःख दर्द भी नहीं दिखा जिसके निराकरण के लिए वो एक सांसद होने के नाते अपनी जवाबदारियों का निर्वहन करते - तो ऐसी स्थिति में उनके द्वारा ऊँगली करने पर यदि बदले के रूप में उनका हाथ तोड़ उनके थोबड़े पर मुक्का मारने की कोशिश की जाकर इस विशुद्ध राजनीतिक मामले में राजनीति के अखाड़े को ठप्प किया गया है तो इस पर भी सत्तापक्ष को छुइ मुई नहीं होना चाहिए .... अब इतना तो बनता है - और इतना तो चलता है भाई .... नहीं क्या ??

इसलिए मैं सोचता हूँ कि भाजपा और काँग्रेस को वार-पलटवार करने का पूरा अधिकार है - बदला और उसके विरुद्ध फिर बदला होना ही चाहिए .... और बीच-बीच में बदलाव भी ....

और शायद ऐसा हो भी रहा है - हमारे "बदले बदले से सरकार" श्रीमान मोदी जी ने आज अभी 'मैडम' सोनिया गांधी जी को उनके जन्मदिन पर बधाई जो दी है ....

बधाई मेरी तरफ से भी ....
पर देश और जनता की जो ऐसी की तैसी हो रही है या की जा रही है उसके प्रति संवेदनाओं के साथ !!

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