Monday 28 December 2015

// एक दिमागी दिव्यांग का अखंड भारत .. "खाने चणें ते पद मारना बदामां दे" ..//


क्या दिव्यांग दिमाग है !! .... क्या परिकल्पना है !! .... अखंड भारत !! .... यानि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश फिर एक !!!!

पर मेरा दिमाग दिव्यांग नहीं .... इसलिए मेरी प्रतिक्रिया ....

अभी-अभी तो आंध्रा के दो टुकड़े कर निपटे हो .... इसके पहले छत्तीसगढ़ झारखण्ड उत्तराखंड .... और आगे है विदर्भ .... पर फिर भी अखंड भारत ??

क्या अखंड भारत "सेक्युलर" होगा ?? .. और क्या इस "सेक्युलर शब्द से करंट तो नहीं लगेगा ?? .. क्या देश के प्रधानमंत्री कोई शरीफ या बेगम होंगी ?? .. क्या पाकिस्तान में तोड़े गए मंदिरों का पुनर्निर्माण नहीं होगा ?? .. क्या सारे झगडे टंटे खत्म हो जाएंगे - या होने दिए जाएंगे ?? .. क्या आरएसएस और हुर्रियत का विलय हो जाएगा ??

और फिर क्या अखंड भारत सशक्त नहीं हो जाएगा ?? .. तो फिर क्या सशक्त हो चीन पर चढ़ाई नहीं करेगा - टुच्चा बहुत दिनों से चिचियाय जो रहा है ?? .. और यदि ऐसा ही हुआ तो फिर भारत भारतेशिया तो नहीं हो जाएगा ?? .. और फिर रूस भी साथ ही लगा है जहाँ मोदी जी अभी हो कर आएं हैं - कुछ तो सेटिंग हो ही गई होगी .. तो क्या भारत भारतेरूसेशिया हो जाएगा ?? ....

मित्रो आगे आपको बोर करने का कोई इरादा नहीं हैं - इसलिए अपनी प्रतिक्रिया को पंजाबी की लोकोक्ति के साथ विराम देना चाहूंगा ....

कई दिमागी दिव्यांगों का हाल यूं हो चला है कि - "खाने चणें ते पद मारना बदामां दे" ....

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