Monday 7 December 2015

// बिन लात के बात - और बिन बात के बात ....//


और आखिरकार मोदी और मोदी सरकार द्वारा पाकिस्तान से बात हो गई .... परदे के पीछे भी - और जगजाहिर भी .... और आधिकारिक तौर पर भी हो ही रही है ....

और उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि निगोड़ी किरकिट के बारे में भी बात होती रही है - हो रही है - और शायद खेल खेल में खेल भी ली जाए .... आखिर खेल है और खेल भावना भड़क जाए तो क्या कीजिएगा .... खेलिएगा - या ना भी खेलिएगा ....

यानि कुछ तो होना था - कुछ तो हो रहा है - कुछ तो भी होना तय है - या शायद कुछ ना भी हो .... 

क्योंकि आखिर पहले भी तो यही सब होता रहा था .... बस फर्क इतना था कि आज के सूरमा तब गाली देते थे उलहाने देते थे कपडे फाड़ते थे गुर्राते थे रोते गाते थे .... पर आज वो शाने खुद ही बात कर रहे हैं - समझ रहे हैं कि वो ही शाने समझदार हैं जो समझदारी का परिचय दे रहे हैं ....

तो मित्रो !! मैं यह स्पष्ट करते हुए कि मेरे मतानुसार तो बातचीत होनी चाहिए थी और होती रहनी चाहिए .... पर मैं मोदी सरकार की समझदारी के दावे को सिरे से नकारता हूँ ....

और मोदी सरकार का समझदार होने का दावा इसलिए भी निरर्थक ही प्रतीत होता है - क्योंकि अपने देश के अंदर के हालत तो ये बेवकूफ़ियाँ पटक बेकाबू किये दे रहे हैं - फिर अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे को क्या खाक काबू करेंगे !!!!

मसलन एक नया ऊटपटाँग विवाद शुरू कर बैठे हैं कि ताजमहल मज़ार है मुसलमानों का या शिव मंदिर है हिन्दुओं का .... जबकि एक और पुराना विवाद भी बिना सुलझाए उलझाए दे रहे हैं - और वो है राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद .... और फिर धर्म जाति के नामे जो चल रहा है - वो तो बस तौबा !!

और अब लगता है कि मोदी किसकी संपत्ति इस पर भी विवाद होने वाला है - कभी वे संघ के होते थे - और कभी भाजपा के होते थे - पर अब संघ कहने लगा है कि ये भाजपाई हैं - और मुझे लगता है कि अब तंग आ कुछ भाजपाई कहने लगेंगे कि मोदी तो शुरू से संघी हैं - हम इनके साथ नहीं ....

इसलिए मुझे लगता नहीं कि पाकिस्तान और भारत के बीच जम्मू कश्मीर का अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा मोदी और मोदी सरकार कभी भी हल कर पाएंगे - क्योंकि ये इनके बस का नहीं .... इसके लिए तो स्वर्गीय इंदिरा गांधी जैसे समझदार और दमखम वाले कूटनीतिज्ञ नेता की ही दरकार रहेगी - जो कूटनीति की बात भी करे और कूट कर लात भी मार सके !!

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