Sunday 6 December 2015

// केजरीवाल जरा हट के और स्टाइलिश भी .. इसलिए दिल्ली ही दिल्ली ..//


भारत में २९ राज्य हैं और ७ केंद्र शासित प्रदेश ....
पर आजकल अपने आपको दिन रात "राष्ट्रीय चैनल" का तमगा देने वाले प्रायः दिल्ली में ही अटके रहते हैं .... जैसे सीवर की लाइन में चीठा कचरा ....

अब देखिये ना - चेन्नई में भीषणतम बाढ़ आई - और बाढ़ के कारण भी बहुत खौफनाक थे - और वो कारण थे सरकार की धूर्तता और लोगों की मूर्खता - और धूर्तता मूर्खता क्या कि नदी तालाबों आदि के किनारों पर कब्ज़ा दे और कब्ज़ा कर बना लिए मकान दुकान और रोक दी पानी की निकासी .... और जब रुका पानी गले गले तक आ गया तो हाय हाय होनी थी और हो गई .... और मीडिया लग गया दिखाने कि पानी कब कैसे कहाँ तक कितना चढ़ा - कैसे कारें और मंजिलें और एयरपोर्ट डूब गए - और कैसे लोग फंसे मरे और कैसे बचाए गए .... और बस हो गया .... क्योंकि जैसे ही पानी उतरा पूरा मीडिया पुनः पिल पड़ा है दिल्ली पर ....

और पूरे देश को भुला आजकल केवल बात हो रही है - दिल्ली विधानसभा की गतिविधियाँ - दिल्ली जनलोकपाल - भूषण का प्रदूषण - दिल्ली प्रदूषण - दिल्ली सरकार की सम-विषम गाड़ियों की योजना - दिल्ली के पुलिस कमिश्नर और सरकार की तनातनी - और केजरीवाल के बयान .... मसलन टेढ़ी ऊँगली वाला - आदि !!!!  

और मुझे कदापि लगता नहीं कि - बाकी सभी प्रदेशों में विधानसभाएं और सरकारें नहीं हैं - और वातावरण प्रदूषण रहित है - वहां लोकपाल और लोकायुक्त बढ़िया काम कर रहे हैं और ८-१० भ्रष्टाचारी रोज जेल जा रहे हैं - यातायात समस्या तो कहीं है ही नहीं - और सर्वत्र सरकारी झकोरों और सरकारी बाबुओं के बीच सौहार्द स्थापित है और कार्य सुचारू रूप से चल रहा है .... नहीं ना ??

तो फिर क्या कारण है कि सभी "राष्ट्रीय चैनल" होने का दाँवा ठोकने वाले दिल्ली में ही अटके रहते हैं ??

कारण मैं स्पष्ट करता हूँ .... कारण एक ही है .... केजरीवाल जरा हट के हैं - और बहुत स्टाइलिश भी .... विरोधी उन्हें ना तो पार पा सकते हैं - ना उन्हें परास्त कर सकते हैं - और इसलिए वो खिसियाते रहते हैं और उनकी तारीफ करने में संकुचित रहते हैं - और कोई भी उन्हें नज़रअंदाज़ तो कर ही नहीं सकता ....

अब देखिये ना - केजरीवाल ने घोषणा की कि एक दिन सम गाडी एक दिन विषम गाडी .... और खूब चिल्लाचोट हो गई .... कांग्रेस भाजपा विरोध में उतर आए बिना अक्ल उपयोग .... और ऐसा होने देने के बाद केजरीवाल ने बोला  "नहीं ज्यादा विरोध हुआ तो योजना लागू नहीं करेंगे" ....

पर कुछ करना तो आवश्यक था / है .... तो विरोधी चिल्लाने लगे ऐसा नहीं किया वैसा नहीं किया ढमाका नहीं किया ढिमका नहीं किया .... तो लोगों को समझ आया कि इस कांग्रेस और भाजपा ने भी तो कुछ नहीं किया था - और तभी तो स्थिति इतनी विकट हुई .... यानि भाजपा और कांग्रेस खुद घिरती नज़र आई .... तो अब जरा तेवर ढीले पड़ गए हैं और अब कहना पड़ रहा है कि - नहीं हम इस योजना के विरोध में नहीं ....

हा !! हा !! .... इसलिए मैनें सही कहा ना .... केजरीवाल जरा हट के हैं - और बहुत स्टाइलिश भी ....

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