Saturday 5 December 2015

// बेकार के कार वालों को चेतावनी .. ना प्रदूषण ना चिल्लाचोट ....//


दिल्ली का पर्यावरण अति दूषित हो गया है - इतना की साँस लेना भी दूभर ....

इसका मुख्य कारण पाया और महसूस किया गया - पेट्रोल एवं डीज़ल वाहनों की बेतहाशा संख्या ....
इसलिए समस्या के समाधान हेतु सरकार को उपाय सूझा - वाहनों की संख्या आधी की जाए ....
और निर्णय लिया गया है .... एक दिन सम संख्या और एक दिन विषम संख्या के वाहन चलेंगे ....

बस फिर क्या था - ट्रैफिक के शोरगुल से भी ज्यादा भोंपुओं की चिल्लाचोट मचने की आवाज़ें आने लगीं .... मसलन - तो क्या केजरीवाल बताएंगे हम कौन से दिन कौन सी कार से जाएंगे - क्या अब दो कारें रखेंगे - क्या अब इतनी भी आज़ादी नहीं कि हम स्वतंत्र हो अपनी कार से घूम सकें - ये समाधान व्यवहारिक नहीं (व्यवहारिक अन्य समाधान क्या हो पता भी नहीं) - सरकार ऐसा क्यों नहीं करती - वैसा क्यों नहीं - आपात स्थित में क्या ? - आदि इत्यादि ....

और ऐसी बातें ज्यादातर वो कार वाले ही कर रहे हैं - जो इस प्रदूषण के दोषी हैं या इस प्रदूषण के कारक और कारण तो है हीं .... पर वो केवल अपनी स्थिति और आपातस्थिति तक ही सोच पाते हैं - गरीब की स्थिति और आपातस्थिति के बारे में नहीं सोचते - वो बेचारे अकल के मारे ये सोच ही नहीं पाते कि जिसके पास कार या वाहन ही नहीं वो आपात स्थित में क्या करता होगा ????

इसलिए ये बात मुझे ऐसी लगती है जैसे - सिगरेट पिए कोई और उसके जहरीले धुंए से नुकसान झेले आसपास के सभी लोग .... यानि "करे कोई भरे कोई" ..... और इसलिए ही सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट बीड़ी पीने पर उचित आवश्यक प्रतिबंध लगाया था - जो अच्छे परिणामों के साथ सफलतापूर्वक लागू है ....

मैं महसूस कर रहा हूँ कि आज जो रईस लोग अपनी आवश्यकता या सुख सुविधा या मौज मस्ती या ऐश करने के लिए कारों से सफर और suffer करते फिरते हैं - और अपनी कारों से निकलने वाले धुंए से वातावरण दूषित हो जाने का कारण बनते हैं - वो वस्तुतः अपने साथ साथ उन सभी गरीबों को फ़ोकट में ही नुकसान झेलने के लिए मजबूर कर रहे हैं जो उस दूषित वातावरण को दूषित करने के दोषी नहीं हैं .... यानि यहाँ भी सिद्ध होता है कि "करे कोई भरे कोई" ....

इसलिए दिल्ली सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए मेरी प्रतिक्रिया ....

मित्रो यदि आज आपको किसी मेट्रो या बस में या ट्रेन में कोई झकोरा सिगरेट पीते मिल जाएगा तो आप क्या करेंगे - आप उसे टोकेंगे ना !! .... और यदि वो नहीं मानेगा तो ?? .. तो शायद आप उसे जोरजबरदस्ती कर सिगरेट पीने से रोकेंगे ना .... रोकना पड़ेगा ना !!

बस ठीक इसी तरह आप इन कारवालों पर भी नज़र रखें - इन्हें समझाएं - अपना हक़ बताएं - अपनी समस्या बताएं - और इन्हें बेकार की मनमानी करने से रोकें .... और यदि ये बेकार के कार वाले नहीं समझें तो फिर थोड़ी या जबरदस्त जोरजबरदस्ती तो करनी ही पड़ेगी ना - जनहित में !!!!

इसलिए इन बेकार के कार वालों को मेरी चेतावनी .... प्रदूषण भी ना फैलाएं और चिल्लाचोट तो बिलकुल नहीं .... समझे !!!!

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