Friday 6 February 2015

//// ऊंची सोच - बनाम - नीची सोच ////


पूरे प्रचार में केजरीवाल के विरोधी एक बिंदु नाना प्रकार से और बार-बार उठाते हुए ये अनर्गल बात कहते रहे कि देखो केजरीवाल तो मुख्यमंत्री बन गए थे पर फिर प्रधानमंत्री बनने चले - लोकसभा की ४०० सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय कर दिल्ली छोड़ भागे - आदि ....
मित्रों सर्वमान्य बात है कि यदि कोई मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने की कोशिश करता है तो इसे 'ऊंची सोच' ही तो कहा जाएगा .... है ना !!!!

पर मित्रों यदि एक प्रधानमंत्री अपने पद और ताकत का दुरपयोग कर तथा दादागिरी बता अपनी बंधक बनाई पार्टी द्वारा एक स्वयं चहित एवं चिन्हित अयोग्य व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित करवा उसके प्रचार में एक असामान्य कार्यकर्ता के स्तरहीन तौर तरीके अपना प्रधानमंत्री का सारा काम धाम छोड़ चुनाव प्रचार में लग जाता हो - इस बदनीयती के साथ कि वो एक ऐसी कठपुतली को मुख्यमंत्री बनवा दे जो उसके इशारे पर चले - और इस प्रकार वो एन-केन-प्रकारेण दिल्ली के छद्म मुख्यमंत्री भी बन जाए - तो इसे 'नीची सोच' नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ??

तो मित्रों इसलिए मैं दिल्ली चुनाव को 'ऊंची सोच - बनाम - नीची सोच' निरूपित करता हूँ और कामना करता हूँ कि देश हित में नीची सोच का परिचय दे रहे मोदी जी हर हाल में और हर स्तर पर परास्त हों !!!!
मेरा ऐसा भी मानना है कि भविष्य में भी अहंकारी और गलत सोच वाले मोदी जी का परास्त होना उतना ही आवश्यक होगा जितना केजरीवाल जैसे क्रन्तिकारी ईमानदार और सही व्यक्ति का जीतना - अस्तु अभी बहुत कुछ करना और होना शेष है !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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