Monday 2 February 2015

//// ये कैसे पागल हैं ? .... ये अपने पैसे से 'आप' का प्रचार करते हैं .... ////


इस शहर में कुछ अजीब जंगली रहते हैं
'बैडरूम' शब्द मात्र से तो इन्हें चिढ है
४-५ बच्चे पैदा करने की बात करते हैं
और हरामखोर हरामजादा नाम जपते हैं

इनके सरगना तो हमेशा फेंकते हैं
बिटिया और लड़की की बात करते हैं
ना जाने कैसे फरेबी पापा हैं ये
प्रगति की नहीं हमेशा विकास की बात करते हैं

ये देसी पागल भी अजीब चड्डी धारी हैं
कभी चड्डी तो कभी लाखों का सूट पहनते हैं
ये बहुत बदनसीब से लगते हैं जब
केवल अपने ही नसीब की बात करते हैं

अब इन बड़बोलों की चालाकी देखें
ये क्रांतिकारी को 'उपद्रवी' कहते हैं
कल तक गौ मूत्र की बात करने वाले
आज दूसरों के 'गोत्र' की बात करते हैं

और ये पागल भी कुछ अजीब से हैं
प्रश्न पूछते हैं खुद प्रश्नवाचक हो जाते हैं
और ना पूछो मित्रों विज्ञापन की बात
ये अपने पैसे से 'आप' का प्रचार करते हैं

इस शहर में कुछ अजीब जंगली रहते हैं ....
इस शहर में कुछ अजीब पागल रहते हैं ....

\\ब्रह्म प्रकाश दुआ ०२/०२/१५\\

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