Friday 6 February 2015

//// 'आप' ने साबित किया कि वो आम आदमी की पार्टी है - साम्प्रदायिक नहीं ....////

इमाम बुखारी ने दोपहर में 'आप' पार्टी को बिन माँगा एकतरफ़ा समर्थन दे दिया .....
उसके तुरंत बाद - वित्त मंत्री जेटली ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए एक प्रेस कांफ्रेंस बुला एक बार फिर केजरीवाल को अनेक राजनैतिक गालियों से नवाज़ा और साथ ही एक जहरीला सांप्रदायिक वक्तव्य भी दे मारा कि - एक फतवा जारी हुआ है - और दिल्ली की जनता फतवे के विपक्ष में मतदान करे .... निश्चित ही मुझे ये नीच राजनीति ही लगी !!!!

और अभी 'आप' पार्टी के रणबांकुरों ने प्रत्युत्तर में संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस कर बुखारी के समर्थन को सार्वजनिक रूप से स्पष्ट और कड़े शब्दों में नकार दिया .... और तो और 'आप' ने बुखारी की उस बात के लिए निंदा करी कि बुखारी ने अपने बेटे की दस्तारबंदी के प्रोग्राम में भारत के प्रधानमंत्री मोदी को नहीं बुलाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को बुलाया था इसलिए वो ऐसे व्यक्ति का समर्थन नहीं ले सकते जिसने हमारे प्रधानमंत्री का अनादर किया हो !!!!

भारत की राजनीति में शायद समर्थन ठुकराने का यह पहला अवसर है !!!! अतः स्वाभाविक रूप से 'आप' पार्टी इसके लिए बधाई और प्रशंसा की पात्र है !!!!

मोदी जी आशा है आप अपना अहंकार भूल सर झुका थोड़ी विनम्रता का परिचय दे ठंडी सांस ले अपने व्यवहार औए सोच का पुनरावलोकन करेंगे जो आपके और देश के लिए बेहतर होगा .... आपसे ये भी अपेक्षित है कि आप भी साम्प्रदायिकता का किसी भी रूप में पक्ष ना लें और ना ही लेते दिखें ....
बेहतर होता कि आप भी 'डेरा सच्चा सौदा' का समर्थन ठुकरा देते .... खैर अब समय निकल गया है - पर आप भविष्य में तो ऐसा कुछ कर ही सकते हैं ....

और यदि आप भी ऐसा कुछ करते हैं तो ही आप इस देश की राजनीति में इज़्ज़त के साथ अपना स्थान बनाये रखने का प्रयास कर सकेंगे .... अन्यथा .... अन्यथा १० तारीख के दिल्ली जैसे परिणाम शायद आपको भविष्य में भी सालते रहेंगे .... !!!! धन्यवाद !!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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