भूमि अधिग्रहण बिल विषयक विपक्ष द्वारा आपत्ति उठाई गई है कि ऐसी क्या आपात स्थिति थी कि मोदी सरकार को अध्यादेश लाने की आवश्यकता उत्पन्न हुई थी ????
मित्रों मोदी और कुछ उद्योगपतियों के बीच यदि डील हुई होगी कि तुम्हारी सरकार आने के बाद उद्योग लगाने के लिए जमीन दी जाएगी - तो क्या मोदी अपने वायदे को ससमय पूरा भी ना करें ????
इसलिए मैं ऐसी हल्की आपत्ति की निंदा करता हूँ - बेचारे मोदी जी अभी तक सैंकड़ों वायदे कर पूरे नहीं कर पाये हैं - और यदि वो एक वायदा पूरा करना चाहते हैं तो भी आपत्ति ?? मात्र आपत्ति ????
इसलिए मैं ऐसी हल्की आपत्ति की निंदा करता हूँ - बेचारे मोदी जी अभी तक सैंकड़ों वायदे कर पूरे नहीं कर पाये हैं - और यदि वो एक वायदा पूरा करना चाहते हैं तो भी आपत्ति ?? मात्र आपत्ति ????
मित्रों मेरे मत में तो आपात स्थिति अब आई है जब मात्र आपत्ति और निंदा से काम नहीं चलेगा - मुझे लगता है अब भारत की जनता को भी 'दिल्ली अध्यादेश' जैसे एक और अध्यादेश के माध्यम से मोदी सरकार को ही उखाड़ फेंक भूमिगत करना आवश्यक हो गया है !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\
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