Tuesday 3 February 2015

//// कच्ची बैसाखियों का सहारा लंगड़े नहीं - अकल से पैदल लोग लेते हैं ....////


ये भाजपा को हो क्या गया है ? ....
क्यों इन्हे कच्ची सड़ी टूटी हुई बैसाखियों का सहारा लेना पड़ रहा है ?
पहले किरण बेदी का सहारा लिया .... हालत दयनीय हो गई ....
फिर अब 'आवाम' का सहारा लिया .... हालत हास्यास्पद हो गई ....

ऐसी बैसाखियों का सहारा लंगड़े नहीं लेते ....
शायद वो लेते हैं जो अकल से पैदल होते हैं .... है ना !!!!

और हाँ मित्रों एक और हास्यास्पद बात बताता हूँ कि - जब अरुण जेटली से 'आवाम चंदा प्रकरण' में 'आप' द्वारा न्यायालयीन जांच की मांग वाली बात पर प्रतिक्रिया चाही गई तो .. तो सुनिए जनाब ने क्या कहा ....
"अब न्यायालय को इस गंदी राजनीति से दूर रखें"....

तो मित्रों अब या तो खुल कर हंसना बनता है .... हा ! हा !! हा !!! .... या ??
!!!! जय हिन्द !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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