Friday 6 February 2015

//// कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब - जुमले हैं जुमलों का क्या ....////


भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आज ८-९ महीनों के बाद ये कह दिया गया है कि कालेधन वाली बात को तो एक चुनावी जुमला भर समझा जाए ....
मित्रों इसके हिसाब से तो आप को और हम को चुनाव में शिरकत कर रहे प्रतिद्वंदियों के विरुद्ध भी जुमले पारित करने का अधिकार प्राप्त है ....

अतः मेरी तरफ से भी कुछ चंद चुनावी पकाऊ जुमले >>>>
> हा ! हा !! - वो समझ रहा है लोग १५ लाख का सचमुच इंतज़ार कर थे .... बेचारा !!!!
> बुद्धू !! वो अभी तक ये मान रहा है कि लोग उस पर विशवास बनाए हुए हैं ....
> बावले को ये एहसास नहीं हुआ कि कालेधन पर लोग उसका मज़ा ले रहे हैं ....
> अरे वाह !! फेंकू जुमलेबाज़ भी है ....
> जुमलेबाज़ कुछ बाजारू टाइप का है ....
> ये काली रात को भी अँधेरी बताता है - और इसे अँधेरे में भी कालाधन साफ़ दिखता है ....
> कमाल है - बड़ी भारी फ़ौज का कमांडर नक्सली से थरथरा रहा है ....
> इसे नक्सल खांसी से चिढ है और अराजक छींक से डर लगता है ....
> आम पर बौर आने में तो अभी वक्त है पर ये तो अभी से बौरा रहा है - काहे ??
> इसका दिमाग घूम रहा है - कील ठोंक के निकालोगे तो 'मेक इन इण्डिया' लिखा स्क्रू निकलेगा ....
> लगता है अब ताज़िन्दगी झाड़ू नहीं पकड़ेगा - या लखटकिया सूट पहन झाड़ू लगाएगा ....
> ये अच्छे दिन कैसे होते हैं - आपके आ गए या आ के चले गए ??
> आपके पुत्तर का क्या नाम बताया - 'विकास' या 'नसीब' ??
> मैं और बराक दोस्त हैं - ये एक अंतर्राष्ट्रीय जुमला था ....
> दिल में दिल्ली - दिमाग में कीचड ....
> सारा का सारा कीचड केजरी पर फेंक दिया - हाय ! खुद का कमल मुरझा गया ....

बुरा ना मानो ये जुमले हैं - और होली आने वाली है ....
होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित ....
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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