Saturday 14 February 2015

//// मोदी और पंवार के राजनीतिक चातुर्य यानि गंदी राजनीति पर आश्चर्य क्यों ?..////


मोदी और पंवार बारामती के एक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में एक मंच पर स्वेच्छा से आए और शायद कई वर्षों के बाद साथ-साथ दिखे !!!!
कई लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं ....
पर मुझे इस पर आश्चर्य हो रहा है कि लोगों को इस पर आश्चर्य क्यों हो रहा है - क्योंकि ये दोनों एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं - और इनकी राजनीति एक जैसी ही है - गंदी राजनीति !!!!

पर मुझे लगता है कि शिवसेना की प्रतिक्रिया थोड़ी भिन्न होगी .... शिवसेना का कुपित होना तो बनता है - चिढ़ना कुढ़ना भी बनता है - सुलगना भी बनता है .... पर शायद वो स्वयं आश्चर्य चकित होने के बजाय भाजपा को कोई ठुल्ला दे दे तो भी किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए .... क्योंकि उसमें भी आश्चर्य क्यों होना चाहिए जो सदैव संभावित रहा हो ??

और इसलिए मैं कह सकता हूँ कि एनसीपी को 'नैचुरली करप्ट पार्टी' बताने वाले मोदी जी - और मोदी जी को कोसने वाले शरद पंवार - अब जब आपको एक दूसरे के गुणगान करते या साथ साथ चलने के नए नायाब नैतिक कारण बताने लगेंगे तो भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए .... क्योंकि अभी निकट में तो बस यही संभावित है .... हाँ आगे फिर कब गालियां शुरू हो जाएं कह नहीं सकते !!!!

और निकट में तो यह भी संभावित है कि मोदी जी भक्तों को ये गले उतारने में सफल हो जाएंगे कि अब वो एनसीपी के शरद पंवार पीडीपी के बाप बेटी जदयू के मांझी और पाकिस्तान के नवाज़ शरीफ आदि से ताल मेल क्यों बैठा रहे हैं !!!!

आश्चर्य का तो बस एक कारण ही था कि अरविन्द केजरीवाल ने कांग्रेस का साथ क्यों लिया था ?? .... और वो आश्चर्य मरते दम तक कायम रहेगा !!!!
और भविष्य में आश्चर्य तब होगा जब - मोदी जी विनम्र होने की कोशिश करेंगे और अपना कोई भी वायदा पूरा करने का प्रयास करेंगे - और पंवार राजनीतिक चातुर्य छोड़ कभी देश के बारे में भी कुछ अच्छा करेंगे - और महाराष्ट्र के अनेक घोटालों में किसी भी नेता के विरुद्ध कोई कार्यवाही पूरी होकर उसे जेल होगी !!!! ऐसा तो नहीं होगा ना !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

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