Friday 13 February 2015

//// साहब बहाद्दुर का नमोss गिरामीss सूट .... और "इज़्ज़त" की नीलामी ....////


मैंने तो अभी तक अनुभव किया था कि दुनिया में यदि किसी की नीलामी होती है तो वो या तो नामी गिरामी भौतिक वस्तुएं होती हैं या फिर "इज़्ज़त" .... जी हाँ "इज़्ज़त" !!!!
और वस्तुएं भी वो होती हैं जो पुरातत्व महत्त्व की हों - या बहुमूल्य हों - या बहुउपयोगी हों .... आदि !!

पर अब एक सूट की नीलामी हो रही है - जबकि ये सूट अभी नया है इसलिए पुरातन होने का प्रश्न ही नहीं उठता - ये सूट महंगा भी नहीं है क्योंकि इस सूट को पहनने वाले साहब के प्रवक्ता ने ही पोल खोल दी कि इसका कपडा केवल ७ हज़ार रुपट्टी का है - और ये सूट किसी के उपयोग का हो ही नहीं सकता क्योंकि इसका साइज़ ५६" छाती के अनुरूप है जो साहब के अलावा किसी को फिट नहीं बैठ सकता .... और वैसे भी किसी का उतरा गंदा सूट जिस पर किसी अहंकारी का नाम भी लिखा हो उसे कौन बेवकूफ पहनना पसंद करेगा ?? .... अतः भौतिक रूप से तो इस सूट की कोई विशिष्टता बनती नहीं है - ना ही कोई मूल्य - है ना !!!!

तो फिर इसकी नीलामी क्यों हो रही है .... ????
मेरी विवेचना .....

इस सूट का "इज़्ज़त" से बहुत कुछ लेना देना है .... मुझे लगता है ये सूट उस व्यक्ति की "इज़्ज़त" नीलाम कर चुका है जिसका नाम इस सूट पर ही अंकित है .... और इसलिए इस सूट को मैं नया नाम देता हूँ ....
\\साहब बहाद्दुर का नमोss गिरामीss सूट\\

और मुझे पूरा विश्वास है कोई न कोई भक्त इस सूट को खरीद जरूर अपनी स्वयं की "इज़्ज़त" भी नीलाम करेगा .... और उसके बाद भी ना जाने कितनों की "इज़्ज़त" नीलाम होती रहेगी !!!! छिः !!!!
\\ब्रह्म प्रकाश दुआ\\

No comments:

Post a Comment